धरमजयगढ़। मानवता की मिसाल बन चुकी अन्नपूर्णा मुहिम के तहत एक बार फिर जरूरतमंद बुजुर्ग को जीवन संबल मिला है। ग्राम पखनाकोट (सुकवासुपारा), पोस्ट सुपकालो, तहसील धरमजयगढ़ (कापू) निवासी सुनी बाई रजक (उम्र 80 वर्ष), जो विधवा हैं और धनुष्टंकार बीमारी से पीडि़त हैं, उन्हें संत रामपाल जी महाराज जी की कृपा से तीसरी बार अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत सेवा प्रदान की गई है। जानकारी के अनुसार, सुनी बाई रजक चारों हाथ-पैर के सहारे मुश्किल से चल पाती हैं। उनके परिवार में कोई सदस्य नहीं है न पति, न बच्चे। वे पूरी तरह अकेली हैं। उन्हें किसी प्रकार की पेंशन या आमदनी प्राप्त नहीं होती है, न ही उनके पास जमीन, पशु या बैंक बैलेंस है। रिश्तेदार कभी-कभी भोजन देकर सहयोग करते थे, ग्रामीणों ने बताया इस वृद्धा की जीवन अत्यंत कठिन परिस्थितियों में गुजर रहा था, लेकिन जबसे संत रामपाल जी महाराज जी के अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत उन्हें तीसरी बार आवश्यक राशन सामग्री और जीवन-उपयोगी वस्तुएँ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लगातार प्रदान करते रहने से उनके चेहरे पर मुस्कान देखते बनती है। संत रामपाल जी महाराज जी के यह अन्नपूर्णा मुहिम न केवल हमारे राज्य में बल्कि पूरे देश में संचालित है, जिसका उद्देश्य ऐसे असहाय, गरीब और वृद्धजन लोगों को भोजन और राहत उपलब्ध कराना है जो अपने बल पर जीवनयापन करने में असमर्थ हैं। अन्नपूर्णा मुहिम न केवल भूखों को भोजन दे रही है बल्कि मानवता का सच्चा संदेश भी समाज तक पहुँचा रही है।