सक्ती-जैजैपुर। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग में एक बार फिर अनियमितता और भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। सक्ती जिले में स्वच्छता सामग्री की खरीदी में हुए गंभीर गड़बडिय़ों के बाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जारी आदेश के अनुसार यह कार्रवाई शासन की उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से खरीदी प्रक्रिया में भारी फर्जीवाड़ा, नियमों की खुली अवहेलना और प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है।
विदित होकि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सक्ती जिले के अंतर्गत आने वाले विकासखंडों में वर्ष 2023-24 के लिए स्वच्छता सामग्री खरीदी के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए बिलासपुर स्थित संचालक, शिक्षा संकुल ने 13 मार्च 2024 को जांच समिति गठित की थी। इस समिति ने पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच की और अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी। जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्याम लाल वारे डभरा, वी के सिदार जैजैपुर और टी.एस. जगत तत्कालीन मालखरौदा विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने स्वच्छता सामग्री की खरीदी में नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है। नियमों के अनुसार खरीदी प्रक्रिया में भौतिक सत्यापन, नमूना परीक्षण और गुणवत्ता जांच अनिवार्य है, लेकिन अधिकारियों द्वारा इन सभी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर मनमाने तरीके से खरीदी की गई। जांच में यह भी सामने आया कि खरीदी की रसीदें, बिल और उपलब्ध रिकॉर्ड में भारी विसंगतियां हैं, जिससे फर्जीवाड़े की आशंका और मजबूत हुई। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा कि संबंधित अधिकारियों ने लोक सेवा के मूल नियमों में पारदर्शिता, शुचिता और जवाबदेही का उल्लंघन किया है। रिपोर्ट अनुसार इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए, स्वच्छता सामग्री खरीदी में आर्थिक अनियमितताओं को बढ़ावा दिया और शासन को वित्तीय नुकसान पहुंचाया। शासन ने इसे न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन माना, बल्कि गंभीर कदाचार की श्रेणी में रखा। इन्हीं तथ्यों के आधार पर राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियंत्रण व अपील नियम 1966 के तहत तीनों विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान ये अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी, सक्ती के कार्यालय में संलग्न रहेंगे। साथ ही, इन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते का भुगतान प्राप्त होगा। विभाग द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई यह संकेत देती है कि शिक्षा विभाग में लंबे समय से चल रही अनियमितताओं पर अब कड़ी निगरानी रखी जा रही है। स्वच्छता सामग्री जैसे छोटे मद में होने वाला यह फर्जीवाड़ा एक संकेत है कि व्यवस्था में पारदर्शिता कितनी कमजोर हो चुकी थी। यह निलंबन अन्य अधिकारियों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिले में शिक्षा से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि ऐसी अनियमितताओं पर समय रहते कठोर कदम न उठाए जाएं, तो योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह जाती हैं और फील्ड में उसका कोई लाभ नहीं पहुंचता। यह कदम शिक्षा विभाग में एक बड़ी सफाई अभियान का संकेत है, जिसकी अब व्यापक उम्मीद की जा रही है।
स्वच्छता सामग्री खरीदी में फर्जीवाड़ा उजागर, तीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी निलंबित



