रायगढ़। जिले में फ्लाइएश परिवहन के नाम पर 21 लाख की धोखाधड़ी हुई है। ओडिसा के व्यापारी ने रायगढ़ के ट्रांसपोर्टर से फ्लाइएश परिवहन करवाया। जिसका भाड़ा 21 लाख 9 हजार 927 रुपए हुआ। लेकिन कई महीनों तक ओडिसा के व्यापारी ने पेमेंट नहीं दिया। बाद में चेक दिया जो बाउंस हो गया। जब रायगढ़ के ट्रांसपोर्टर ने उससे संपर्क करने की कोशिश की तो फोन बंद मिला। जिसके बाद पीडि़त ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार कृष्णा विहार कॉलोनी के रहने वाले विनोद अग्रवाल (58 साल) ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें उन्होंने बताया कि वह उर्दना चौक में तिरुपति रोड कैरियर के नाम से ट्रांसपोर्ट कार्यालय का संचालन करता है। जहां आसपास क्षेत्र में कोयला व फ्लाइएश का परिवहन का काम अलग-अलग वाहनों से किया जाता है। उसके नाम से 3 और उसके बेटे रजत और परख अग्रवाल के नाम से 15 ट्रेलर शिवान वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर संचालित है। उसका राजपूत इंटरप्राइज झारसुगड़ा के संचालक मंजय सिंह से व्यापारिक परिचय है। जहां मंजय सिंह 16 दिसबंर 2024 को ढिमरापुर चैक स्थित ऑफिस में आया और बताया कि उसे एनटीपीसी दर्रीपाली से पत्थलगांव तक के लिए फ्लाइएश पाटने का ठेका रेफेक्स इंडस्ट्रीज से मिला है। जिसमें परिवहन काम के लिए उसके ट्रेलर वाहनों की जरूरत है। ऐसे में 950 रुपए मिट्रिक टन के दर से भाड़ा तय करने के बाद 18 ट्रेलर वाहन को चालक के साथ दर्रीपाली ओडिसा रवाना किया गया था। मंजय सिंह 29 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 तक विनोद अग्रवाल के सभी वाहनों से दर्रीपाली ओडिसा से पत्थलगांव तक नियमित फ्लाइएश का परिवहन किया। जिसका कुल 45 भाड़ा पर्ची उसके कंपनी में जमा किया गया था।
भाड़ा देने में टालमटोल
जिसके आधार पर राजपूत इंटरप्राइजेस ने 21 लाख 9 हजार 927 रुपए का भाड़ा बनाकर दिया गया। ऐसे में वह भुगतान विनोद अग्रवाल के बैंक खाते के माध्यम से करने कहा गया, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी मंजय सिंह रकम भुगतान करने में टाल मटोल करता रहा। बाद में काफी दबाव देने पर मंजय सिंह ने 22 अगस्त 2025 को स्वयं के झारसुगड़ा ओडिसा के आईडीबीआई बैंक शाखा से चेक के माध्यम से 10 लाख फिर 3 सितंबर 2025 को चेक के माध्यम से 9 लाख 18 हजार 732 रुपए और 1 लाख 91 हजार 194 रुपए का चेक दिया। जब तीनों चेक को विनोद अग्रवाल के रायगढ़ आईसीआईसीआई बैंक शाखा में जमा किया गया तो उसे अनादरित कर वापस कर दिया गया।
आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज
इसके बाद विनोद अग्रवाल ने मंजय सिंह से सम्पर्क करने पर उसने रुपए आ जाने की बात कहते हुए टालमटोल करने लगा। बाद में उसने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया। तब वह समझ गया कि मंजय ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। जिसके बाद विनोद अग्रवाल ने मंजय के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जहां पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 318(4)-बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।
ट्रांसपोर्टर के साथ 21 लाख की धोखाधड़ी
ओडिसा के व्यापारी ने फ्लाइएश परिवहन करवाया, लेकिन नहीं दिया पैसा



