रायगढ़। एसईसीएल बरौद के प्रभावित विस्थापित परिवारों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिस कोयले की वजह से देश जगमग हो रहा है उसी कोयले के भू प्रभावित ग्रामीण अंधेरे में रहने की मजबूर हैं। संबंधित विभाग में समस्त औपचारिकता पूरी कर दस्तावेज जमा कराने के बाद भी यहां तक बिजली नहीं पहुंची है।
ग्राम बरौद को एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र द्वारा सम्पूर्ण गांव को विस्थापन किया रहा है कुछ किसानों की भूमि अर्जन क्षेत्र अन्तर्गत से बाहर है। लेकिन ये सभी परिवार भी सुरक्षित जगह पर बस रहे हैं। ऐसे ग्रामीण भी प्रभावित गांव छोड़ कर प्रभाव क्षेत्र के बाहर अपने ही निजी भूमि पर मकान बना कर विस्थापित हुए हैं और कुछ मकान बना रहे हैं। यह सिलसिला पिछले चार सालों से जारी है। इसमें ऐसे भी हैं जो गांव के भूमिहीन परिवार हैं। ऐसे ग्रामीण भी यहां शासकीय भूमि पर मकान निर्माण किए हैं और कई कर रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र के करीब 60 परिवार यहां निवासरत हैं जो शासकीय भूमि पर मकान बना कर रह रहे हैं लेकिन इन प्रभावित परिवारों को बिजली नसीब नहीं हो पा रही है।
कोयला प्रभावित क्षेत्र के बहुत से गरिब परिवार मकान निर्माण कर रहें है लेकिन दर्द यह है कि चार साल गुजर गए वर्तमान में निवासरत परिवार अंधेरे में गुजर-बसर करने के लिए मजबूर है। कई बार निवासरत परिवार विघुत आपूर्ति के लिए नया ट्रांसफार्मर एवं विघुत खंभे के लिए स्थानीय बिजली विभाग एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान आकर्षित कराते रहे हैं। इसके बावजूद भी आज पर्यन्त तक विभाग द्वारा बिजली आपूर्ति की समस्या का निराकरण नही कर पाया है।
गौरतलब रहे कि बरौद खुली खदान के कोयलें से निकलने वाली कोयले से देश रोशन होता है लेकिन आज वही के विस्थापित परिवार अंधेरे में रहने के लिए मजबूर हो गए है। वहां के रहवासियों द्वारा समस्त आवश्यक दस्तावेज शपथ पत्र एवं ग्राम पंचायत सहमति घरघोड़ा बिजली विद्युत विभाग को जमा कर दिया गया है। इन तमाम कवायद के बाद भी यहां के प्रभावित विस्थापित परिवारों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब देखना होगा कि इन विस्थापित परिवारों की समस्या का निराकरण और बिजली आपूर्ति की समस्या का किस प्रकार से निराकरण होता है और कब बिजली व्यवस्था होती है।
जिस कोयले से देश हो रहा रौशन उसके प्रभावित अंधेरे में रहने को मजबूर
एसईसीएल बरौद विस्थापित परिवारों का दर्द, 60 परिवार अंधेरे में रहने के लिए मजबूर, विद्युत विभाग में औपचारिकता पूर्ण कर जमा करा चुके हैं दस्तावेज
