रायगढ़। श्री राम चरित मानस पर आधारित पूरे अंचल में प्रसिद्ध रायगढ़ की रामलीला का आयोजन गत बुधवार की रात्रि से मौसम सहित तमाम परेशानियों के बावजूद शिव पार्वती संवाद व नारद मोह मंचन के साथ आरम्भ हो गया है। रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला आठ दिनों तक चलेगी दशहरे के दिन रावण ,कुम्भकर्ण ,मेघनाद के पुतले का दहन किया जाएगा।
रामलीला के मंचन के लिए भव्य मंच बनाया गया है जिसमें आठ दिनों रामकथा के विभिन्न प्रमुख प्रसंगों का आकर्षक और नयनाभिराम मंचन किया जाएगा जिससे दर्शक रामलीला के माध्यम से रामकथा के आनन्द की अनुभूति से सरोबर हो सकेंगे। रायगढ़ के रामलीला मैदान में पिछले 6 दशक से रामलीला का मंचन होता आ रहा है। मौसम और बारिश के वजह से रामलीला के आयोजन की तैयारियों में लगातार आये व्यावधान के बावजूद नगर में बुधवार की रात्रि से रामलीला मैदान में रामलीला का मंचन शुरू हो गया है ।रामलीला का शुभारंभ शिव पार्वती संवाद ,नारद मोह जैसे प्रसंगों से हुआ ।रामलीला का मंचन लगातार आठ दिनों तक किया जाएगा और दशहरा के दिन रावण दहन का कार्यक्रम सम्पन्न होगा ।रायगढ़ में रामलीला का आयोजन पिछले 6 दशक से हो रहा है और इस तरह रायगढ़ की रामलीला उसकी धार्मिक संस्कृति की एक पहचान बन गई है।
रायगढ़ की धार्मिक ,संस्कृति की परंपरा की धरोहरों में यहां की रामलीला का एक विशेष स्थान है। रामलीला मैदान में दशहरा के दिन किया जाने वाला रावण दहन पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है ।रायगढ़ में रामलीला के मंचन की बात करें तो यह अनवरत रूप से लगातार 59 वर्ष से होता आ रहा। बचपन में रामलीला के मैदान में जिस पीढ़ी ने बोरा बिछाकर ,खुले आसमान के नीचे उस पर बैठकर मूंगफली खाते हुए रामलीला देखी थी वो अब बूढ़ी होती जा रही है लेकिन उसके जहन में रायगढ़ में की जानेवाली रामलीला की भव्यता ,वैभव की याद अब भी बनी हुई है। एक जमाने में रामलीला देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ा करती थी तो अब उस तुलना में दर्शकों की कमी दिखाई देती है। इसके बावजूद रामलीला आयोजन समिति और उसे आर्थिक सहयोग करने वालो, कलाकारों ,मेकअप मैनों के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आती है। यहां यह कहना बिल्कुल लाजिमी है कि इन्ही के बदौलत रायगढ़ में रामलीला मंचन की परंपरा और विरासत कायम है।
शिव -पार्वती संवाद व नारद मोह के साथ रामलीला का मंचन शुरू
आठ दिनों तक रामलीला मैदान रहेगा गुलजार
