पखांजूर। क्रांतिकारी विचार मंच इकाई पखांजूर के अध्यक्ष हरपाल सिंह ने कहा कि पखांजूर को महाराष्ट्र से जोडऩे वाली सडक़ अत्यंत जर्जर हो चुकी है,पखांजूर से लगभग 10 से 12 किलोमीटर की दूरी मायापुर तक महाराष्ट्र की सीमा है इस सडक़ से लगभग छत्तीसगढ़ के ही लगभग 15 गांव के लोगों का आना जाना पखांजूर है, साथ ही महाराष्ट्र के सैकड़ो लोग इसी रास्ते से पखांजूर आना जाना होता है इस सडक़ के जर्जर होने के कारण अब तक कई दुर्घटनाएं हुई हैं साथ ही वर्षा काल के दौरान स्कूली बच्चो को भी कई बार स्कूल जाना बंद करना पड़ता है,कियोंकि रास्ते के गड्ढे में गंदा पानी जमा हो जाने से कई स्कूली बच्चों की यूनिफॉर्म (स्कूली ड्रेस ) खराब हो चुके है,इस प्रकार से लोगों को अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बता दे इस सडक़ की मरम्मत की मांग को लेकर क्रांतिकारी विचार मंच इकाई पखांजूर द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन भी दिया गया था,समय समय पर कुछ मीडिया ने भी इस सडक़ मरम्मत की मांग को लेकर ख़बर भी लगाई, दिसंबर माह में पखांजूर में सुशासन का एक साल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस सडक़ के सुदृढ़ीकरण के लिए 8.78 करोड़ की घोषणा की थी।लेकिन 6 महीने बीत गये हैं अभी तक इस पर काम शुरू भी नहीं हुआ है।जिन भाजपा नेताओं और प्रतिनिधियों ने कांग्रेस के कार्यकाल में इस सडक़ की मरम्मत की मांग को लेकर चक्काजाम और प्रदर्शन कर अपनी सक्रियता दिखाई थी आज उनकी पार्टी की सत्ता रहते हुए और ख़ुद पद में रहते हुए भी इस मुद्दे पर निष्क्रिय दिखाई दे रहे हैं भाजपा के जिन नेताओं को विपक्ष में रहकर इस जर्जर सडक़ पर चलने वाले लोगों की तकलीफ़ का अहसास था उनके लिए ये मुद्दा अहम था। तो आज इस पर सक्रियता क्यों नहीं? तो आज ये मुद्दा अहम क्यों नहीं ? क्या इनका प्रदर्शन,चक्काजाम और मुख्यमंत्री की घोषणा अपनी पार्टी के लिए वोट की राजनीति तो नहीं? क्रांतिकारी विचार मंच इकाई पखांजूर चाहती है कि इस जर्जर सडक़ के सुदृढ़ीकरण के लिए मुख्यमंत्री की जो घोषणा हुई है उस अमल हो और जल्द जल्द इस पर काम शुरु हो ताकि इस सडक़ पर चलने वालों को परेशानी से राहत मिले।
जर्जर सडक़ को लेकर क्रांतिकारी विचार मंच के अध्यक्ष ने उठाए सवाल
