धरमजयगढ़। जिले के छाल क्षेत्र में एसईसीएल प्रबंधन की कथनी और करनी में अक्सर जमीन आसमान का फर्क नजर आता रहता है। एसईसीएल प्रबंधन ने विस्तार परियोजना में प्रभावित करीब सौ एकड़ से अधिक की वन भूमि को राजस्व जमीन होने की लिखित में जानकारी दी है। इस सौ एकड़ से अधिक जमीन को फारेस्ट विभाग ने वन भूमि तय किया है। इसके उलट एसईसीएल प्रबंधन द्वारा इस जमीन को राजस्व भूमि बताने का कारनामा किया है। अब एसईसीएल क्षेत्र में कोयले के स्टॉक में आग लगने के मामले में भी प्रबंधन और अन्य जिम्मेदार अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी में जबरदस्त विरोधाभास सामने आया है। इन सब बातों से पता चलता है कि एसईसीएल प्रबंधन की मनमानी चरम सीमा पार कर रही है।
रायगढ़ जिले के छाल एसईसीएल उप क्षेत्र में कोयले में आग लगने की वर्तमान घटना को लेकर एसईसीएल प्रबंधन सवालों के घेरे में आ गया है। अधिकारी ने इस मामले में जो बताया है वह केवल हैरान करने वाला है। इस मामले में मैनेजमेंट को अब भी पता नही आग कब लगी है। इधर, कोयले की आग बुझाने की कवायद महीनों से लगातार जारी है। एक ओर खदान के कोयले में लगी भीषण आग पर तत्काल काबू पाने की बात सब एरिया मैनेजर कह रहे हैं तो दूसरी ओर धरातल पर आग की लपटें पूरे कोयले को अपनी आगोस में लेने को आतुर है। मैनेजमेंट के जिम्मेदार अधिकारी को यह पता नहीं कि कोयले में आग लगी कब और फायर फाइटिंग प्रक्रिया कब से सक्रिय हुई है। अधिकारी एक ओर सप्ताह भर से आग पे काबू पाने की कोशिश की बात कहते हैं तो वहीं दूसरी ओर विभागीय सूत्र बताते हैं कि जनवरी फरवरी माह से कोयले के स्टॉक में आग लगी हुई है। कोयले में आग लगने की घटना के पीछे उप क्षेत्रीय प्रबन्धन की सोची समझी संभावित साजिश नजर आ रही है। इस बात की गहराई पर जाएं तो यह पता चलता है कि अजय कुमार चौबे जो कि वर्तमान छाल उपक्षेत्रीय प्रबंधक हैं। रायगढ़ जिले के ही एक खदान से स्थानांतरित होकर छाल एसईसीएल आए प्रबंधक ए के चौबे इससे पूर्व जहाँ पदस्थ रहे, वहां भी करोड़ों रूपये का कोयला जलने की बात सामने आई थी और अब यही सिलसिला छाल एसईसीएल क्षेत्र में भी शुरू हो गया है।
कोयले का स्टॉक बताने में असमर्थ अधिकारी
लात खुली खदान में इन दोनों कोयले के स्टाक पूरी तरह आग से जल रही है। जहाँ मुख्य रूप से ग्रेड जी 12 और जी 16 के स्टॉक में बेकाबू आग की लपटें पूरी कोयले को अपने काबू में ले रखी है। जिसे लेकर कागजों पर घोड़ा दौड़ाने की कवायद तेज कर दी गई है। जी 12 ग्रेड के कोयले के स्टॉक पर टैंकर से पानी का छिडक़ाव कर आग पर काबू पाने का असफल प्रयास किया जा रहा है। वहीं, जी 16 ग्रेड के कोयले पर लगी आग पर प्रबन्धन मौन साधे मानो पूरे स्टॉक के खाक होने के इंतजार में है।इस मामले में उपक्षेत्रीय प्रबन्धक अजय कुमार चौबे ने बताया कि पुराने कोयले में आग का लगना स्वाभाविक है। गर्मी के दिनों में अक्सर आग पुराने स्टाक पर लग ही जाती है, हम कोयले में लगी आग पर काबू पाने की कोशिश अनवरत कर रहे हैं। जिसके लिए तीन टेंकर से पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है। प्रबंधक ने कहा कि महज एक दिन में कोयले में लगी आग पर काबू पा लिया जायेगा।
महीनों से कोयले में लगी आग को एक दिन में साफ करने का खोखला दावा
विवादों से घिरी एसईसीएल प्रबंधन की मनमानी चरम पर
