बिलासपुर। जहरीली महुआ शराब पीने से सरपंच के भाई समेत 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 की हालत गंभीर है। सिम्स में इलाज जारी है। मृतकों का शरीर काला पड़ गया था। हालांकि मौत की असल वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद साफ होगी। घटना कोनी थाना क्षेत्र के लोफन्दी की है। मृतक रामू की बेटी पूर्णिमा ने बताया कि पापा उल्टी कर रहे थे, जिससे खून निकल रहा था। खून का थक्का जैसे काला-काला उल्टी के साथ आ रहा था। पिता को अस्पताल लेकर गए, तो रास्ते में ही धडक़नें बंद हो गई। चार लोगों की एक ही रात जान गई है। वहीं ग्रामीण ने कहा कि पुलिस हर महीने भ_ी वालों से चंदा मिलता है। हालांकि मौतों पर प्रशासन का कहना कि ग्रामीणों ने शादी में सामूहिक भोज किया था। इसके अलावा कुछ लोगों ने नदी किनारे मछली खाया था। अभी मामले की जांच जारी है। वहीं कांग्रेस ने मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय जांच टीम गठित की है।
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को पहली मौत हुई, फिर 2 लोगों की जान गई। बीमारी समझकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन शुक्रवार की रात एक साथ 4 लोगों ने दम तोड़ दिया, तब महुआ शराब पीने से मौत की जानकारी हुई। बताया जा रहा है कि मरने वाले सभी एक ही गांव के रहने वाले थे। जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वालों में सरपंच रामाधार सुनहले का भाई रामू सुनहले भी शामिल है। पुलिस की टीम जब गांव पहुंची, तो 3 शवों को परिजनों ने मुक्तिधाम ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के लिए रोकने की कोशिश नहीं की। पुलिस का कहना है कि, परिजन उनके शवों का पोस्टमॉर्टम कराने?????? के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए केवल एक ही शव को पीएम के लिए भेजा गया।
मृतक रामू की बेटी पूर्णिमा ने बताया कि शराब पीने के बाद धीरे-धीरे असर किया है। 3-4 दिन में शरीर में जहर जैसा कुछ फैला। शरीर को काला कर दिया। गांव में कई जगह शराब बिकती है। जंगल के पास, बस्ती में और गांव के अलग-अलग जगहों में बिक रही है। वहीं स्थानीय परमेश्वर देवांगन ने बताया कि गली-गली शराब बिक रही है। प्रशासन को, न कलेक्टर और न किसी अधिकारी कोई ध्यान नहीं है। हम लोग शिकायत करते हैं, तो पुलिस की गाड़ी आती है। पुलिस लोगों को पकड़ती है, लेकिन लोगों को रास्ते में ही छोड़ देते हैं। शराब बेचने वालों से अधिकारियों के लिए महीना बंधा है। उन्होंने बताया कि हर महीने चंदा लेकर जाते हैं। शराब माफिया पर कार्रवाई नहीं होती है। सभी का मेडिकल टेस्ट हो, तभी मामले का खुलासा होगा। वहीं स्थानीय निवासी जैजैराम पटेल का कहना है कि 7-8 लोगों की मौत हुई है, जबकि चार लोग सिम्स में भर्ती हैं। इनकी जहरीली शराब पीने से मौत हुई है।
लोगों का आरोप है कि, पिछले 8-10 साल से गांव में महुआ शराब की बिक्री हो रही है। आबकारी और पुलिस की टीम आती है, लेकिन मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। शिकायत के बाद कभी-कभी दिखावे की कार्रवाई की जाती है। यही वजह है कि अवैध शराब की बिक्री जारी है। घटनास्थल पर टीआई नवीन देवांगन और एएसपी राजेंद्र जायसवाल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि, मामले में जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जहरीली महुआ शराब पीने से 7 लोगों की मौत होने के बाद प्रशासन भी सकते में आ गया है। गांव में जिला प्रशासन से लेकर पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य विभाग के साथ ही नगर निगम के अफसर मौजूद रहे, लेकिन जिस विभाग पर अवैध शराब की बिक्री रोकने की जिम्मेदारी है, उस आबकारी विभाग के अफसर गांव नहीं पहुंचे हैं।
कांग्रेस ने मामले की जांच के लिए पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में जांच टीम गठित की है। विधायक दिलीप लहरिया को जांच टीम का संयोजक बनाया गया है। टीम के सदस्य प्रभावित गांव का दौरा करेंगे। वहां लोगों से चर्चा कर रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेंगे। कांग्रेस ने दिलीप लहरिया विधायक, मस्तूरी संयोजक, अटल श्रीवास्तव विधायक, कोटा, विजय केशरवानी पूर्व विधायक, बेलतरा, सियाराम कौशिक पूर्व विधायक, बिल्हा, रश्मि सिंह पूर्व विधायक, तखतपुर, राजेंद्र साहू पूर्व प्रत्याशी, बेलतरा को सदस्य बनाया गया है।
जहरीली महुआ शराब पीने से 7 मृत, 4 गंभीर
बेटी बोली- पिता के मुंह से निकला खून, ग्रामीण ने पुलिस को हर महीने चंदा मिलने का लगया आरोप
