भिलाईनगर। कांग्रेस संगठन ने इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश में प्रत्याशियों के चयन में कही सफलता हासिल की तो कही निराशा का सामना करना पड़ रहा है। राजनांदगांव, महासमुंद, कोरबा, बिलासपुर, बस्तर में जहा कांग्रेस से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हैं। परंतु छत्तीसगढ़ में चल रही मोदी लहर के चलते सभी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।वहीं दूसरी तरफ सभी लोकसभा क्षेत्र में उतारे गए भाजपा प्रत्याशी मोदी लहर के चलते अपनी चुनावी नैया पर लगाए जाने को लेकर आश्वस्त हैं। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में चुनावी दौर के दौरान एक समय एक नारा चला था, कि भाजपा प्रत्याशी ताराचंद साहू मजबूरी है। परंतु अटल बिहारी वाजपेई जरूरी है, के चलते ही उस दौरान भाजपा प्रत्याशी की चुनावी नैया पार हो गई थी। वैसे ही स्थिति वर्तमान परिवेश में इस लोकसभा क्षेत्र में बन रही है। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस संगठन ने मुख्यमंत्री के करीबी राजेंद्र साहू को चुनावी मैदान में उतारा है।वर्तमान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस संगठन ने दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से साहु समाज की बहुलता को देखते हुए भले ही साहू समाज के राजेन्द्र साहू को चुनावी मैदान में उतारा है।किंतु जमीनी स्थिती देखे तो साहू समाज के लोगो द्वारा लगातार भाजपा में शामिल होना, राजेन्द्र साहू के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। वहीं मुस्लिम समाज के युवाओं का भी रुख भारतीय जनता पार्टी की तरफ हो रहा है। कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र साहू की यह दो मजबूत वोट बैंक साहू समाज और मुस्लिम समाज लगातार भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश कर रही है।राजेंद्र साहू की राजनैतिक पहचान पिछले 5 साल में जो बढ़ीहै। वह सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी होने का ही नतीजा है।परंतु सामाजिक स्तर पर उनकी सक्रियता उतनी नहीं रही, जितनी की पूर्व गृह मंत्री साहू की थी। वही बेमेतरा और साजा क्षेत्र में साहू समाज विधायक ईश्वर साहू के समर्थन में भाजपा की ओर किए हुए हैं।नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में दयाल दास बघेल खाद्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन का वर्चस्व है। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र सदा से ही भाजपा के पक्ष में खड़ा रहता है। वही भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में देवेंद्र यादव का वर्चस्व है किंतु देवेंद्र यादव बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। जिनके कारण उनकी युवा वर्ग की टीम बिलासपुर की ओर रुख कर चुकीहै।दुर्ग ग्रामीण में पूर्व गृह मंत्री साहू का वर्चस्व था। परंतु ताम्रध्वज साहू की टीम महासमुंद लोकसभा में चुनावी समर में उतर चुकी है। और दुर्ग ग्रामीण से विधायक ललित चंद्राकर जो पिछले 30 सालों से संगठन में सक्रीय रहे। और पिछले विधानसभा चुनाव में दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र उन्होंने लगातार मेहनत कर भाजपा की स्थिति को काफी मजबूत कर लिया है इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल को भारी बढ़त मिलने की संभावना है।दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र में जिस प्रकार से आरोप प्रत्यारोप का दौरा अभी तक चल रहा है। और जिला अध्यक्ष गया पटेल की निष्क्रियता एवं मनमानी फैसले लेने के कारण दुर्ग कांग्रेस में संगठन शून्य की हालत में है। दुर्ग कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता अब झंडा उठाने के कार्य से टूट चुके हैं। तरक्की के रास्ते दुर्ग कांग्रेस में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। कुछ लोगों का ही दुर्ग कांग्रेस में वर्चस्व रहना दुर्ग कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है।दुर्ग लोकसभा से लगभग 4 लाख की बड़ी खाई को पाटना लोकसभा प्रत्याशी राजेन्द्र साहू के लिए दूर की कौड़ी ही साबित होगी। 9 विधानसभा क्षेत्र में ऐसा कोई विधानसभा क्षेत्र नही है। जहा कांग्रेस मजबूत स्थिति में नजर आ रही हैं।दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में मतदान तीसरे चरण में है और अभी भी काफी समय है ऐसे में अपनी पहचान एवम कांग्रेस के घोषणा पत्र का जन जन तक पहुंच के साथ रूठो को मनाना आपसी मतभेद को खत्म करते हुए कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए मजबूत रणनीति बनाने में कितने सफल होते है। यह आने वाला वक्त ही निर्धारित समय में बताये गा।