पखांजुर। तहसीलदार ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि यह आरोप उनकी छवि खराब करने और उन्हें बदनाम करने की नीयत से लगाए गए हैं। तहसीलदार ने स्पष्ट किया कि वकील साहेब राय द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।उन्होंने जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के मामले का जिक्र करते हुए बताया कि इसमें सचिव, आंगनबाड़ी और पंचायत के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। इस पूरे प्रकरण की जानकारी उन्होंने खुद पुलिस को पत्र लिखकर दी है। तहसीलदार ने कहा कि इस मामले में दोनों प्रार्थियों के जन्म प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद संबंधित लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
तहसीलदार ने दोहराया कि वह हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी से कार्य करते आए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के निराधार आरोपों से वे विचलित नहीं होंगे और निष्पक्ष रूप से जनता की सेवा करते रहेंगे।लगातार क्षेत्र में शासन/प्रशासन द्वरा अबैध बांग्लादेशि निवासियों पर करवाही किया जा रहा है और कई गांव में जांच भी किया जा रहा है तहसीलदार ने कहा फर्जी दस्तावेज पर भी थाने में शिकायत दर्ज कर दिया गया है जल्दी करवाही होगा।
प्रशासनिक पारदर्शिता पर जोर
अपने बयान में तहसीलदार ने यह भी दोहराया कि उनकी प्राथमिकता हमेशा से आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान करना और सरकारी योजनाओं का लाभ सही पात्र तक पहुँचाना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक पद पर रहते हुए पारदर्शिता बनाए रखना और भ्रष्टाचार से दूर रहना ही उनका संकल्प है।
जांच की मांग तेज
उधर, अधिवक्ता संघ द्वारा उठाए गए सवालों के बाद यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय स्तर पर लोग तहसील कार्यालय में हो रही प्रक्रियाओं पर अपनी राय दे रहे हैं। वहीं, तहसीलदार का कहना है कि जांच की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित होगी। यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता सामने आती है, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
तहसीलदार पर लगाए गए आरोप निराधार
जन्म प्रमाण पत्र मामले में हुई कार्रवाही, सचिव, आंगनबाड़ी और पंचायत के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत आई सामने
