रायगढ़। बजाज एलायंस लाईफ इंश्योरेंस कंपनी से 1 लाख 04 हजार 500 रूपये प्रीमियम देकर पत्नी का दस लाख रूपये का बीमा कराने के बाद बिमित अवधि में पत्नी की मृत्यु हो जाने पर बीमा क्लेम में आनाकानी करने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी के सेवा में कमी का दोषी मानते हुए दस लाख रूपये मृत्यु दावा का भुगतान तथा मानसिक क्षति व वाद व्यय के रूप में 15 हजार भुगतान करने का आदेश पारित किया है।
मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक फिरतलाल बर्मन, झोपड़ीपारा कबीर चौ क की की पत्नि मोंगरा बर्मन द्वारा अनावेदक बीमा कम्पनी बजाज एलायंस लाईफ इंश्योरेंस कंपनी से 1 लाख 04 हजार 500 रूपये प्रीमियम अदा कर 24 दिसंबर 2020 से 23 दिसंबर 2035 तक की अवधि के लिए था। आवेदक की पत्नि श्रीमती मोंगरा बाई की मृत्यु 28 दिसंबर 2020 को हो जाने पर विधिवत सूचना अनावेदकगण के टोल फ्री नंबर पर देकर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराया था उनके द्वारा कोई कार्यवाही नही किये जाने पर 25 मार्च 2021 को बीमा राशि की मांग करते हुए पुन: आवश्यक दस्तावेज अनावेदक कमांक 02 के पुणे स्थित कार्यालय में भिजवाया था।
अनावेदकगण द्वारा इन्वेस्टीगेटर को जांच हेतु निवास स्थान पर भेजा गया था जिसे पूर्ण सहयोग करते हुए आवश्यक दस्तावेज प्रदान किया गया। आवेदक द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 के रायपुर कार्यालय में जाकर क्लेम के सम्बंध में आवश्यक जानकारी की मांग किये जाने पर संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया तथा अनावेदकगण को सम्पर्क करने पर उचित जवाब नहीं दिया गया। जो अनावेदकगण की उदासीनता कर्तब्य के प्रति घोर लापवाही अथवा सेवा में कमी को प्रदर्शित करता है।
अधिवक्ता के माध्यम से विधिक नोटिस प्रेषित करने पर भी नोटिस का जवाब नहीं दिया गया और न ही भुगतान की कार्यवाही की गयी। जिसके बाद आवेदक की ओर से उपभोक्ता विवाद प्रतितोष रायगढ़ में वांछित अनुतोष दिलाये जाने का निवेदन किया गया। इस मामले में आयोग के अध्यक्ष छमेश्वर लाल पटेल व सदस्य द्वय राजेन्द्र पाण्डेय व श्रीमती राजश्री अग्रवाल ने दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात बजाज एलायंस लाईट इंश्योरेंस कंपनी को सेवा में कमी का दोषी करार देते हुए आवेदक को मृत्यु दावा की मुआवजे की राशि के रूप में दस लाख रूपये का भुगतान आदेश दिनांक से 45 दिवस के भीतर करने तथा मानसिक क्षति व वाद व्यय के रूप में 15 हजार रूपये का भुगतान करने का आदेश पारित किया है। फोरम के आदेश में नियत तिथि तक भुगतान न करने पर अतिरिक्त ब्याज देय होनें का भी जिक्र है।
बीमा अवधि में बीवी की मृत्यु, कंपनी ने दावा किया खारिज
फोरम के आदेश पर अब देना होगा दस लाख का मृत्युदावा
