रायगढ़। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री जितेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ न्यायाधीश एवं सचिव श्रीमती अंकिता मुदलियार के नेतृत्व में 11 नवंबर को पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास रायगढ़ में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जागरूकता शिविर में पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास रायगढ़ में उपस्थित कुल 33 बालकों को बताया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन शिक्षा के महत्व को उजागर करने और देश में उनके अमूल्य योगदान को याद करने के लिए समर्पित है। इसी अनुक्रम में बताया गया कि शिक्षा वह प्रणाली है जिससे जो व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाता है शिक्षा गरीबी कम करने में मदद करती है और व्यक्तियों को देश के विकास में योगदान करने का अवसर प्रदान करती है। शिक्षा वह दीपक है जो अज्ञानता को दर करता है और विधिक साक्षरता वह सुरक्षा कवच है जो अन्याय से बचाता हैै। साथ ही पैरालिगल वालिंटियर्स द्वारा नि:शुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी गई एवं नालसा एवं सालसा की योजना-जैसे पीडित क्षतिपूर्ति योजना, नालसा हेल्प लाईन नं 15100, बाल श्रम, शिक्षा का अधिकार के बारे में व्यापक जानकारी दी गई। उक्त शिविर का संचालन जिला प्राधिकरण रायगढ़ के पैरालिगल वालिंयिटर्स हरीश षडंगी, आयुष कुमार देवांगन, तरूण कुमार बेहरा द्वारा की गई।
पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन



