रायगढ़। मोंथा चक्रवार का असर विगत तीन दिनों से जिले में दिख रहा है। इसके चलते रूक-रूक कर हो रही बारिश से जहां धान फसल को नुकसान पहुंचा रहा है तो वहीं टमाटर फसल को भी खराब होने की भय सताने लगा है, इसको लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि बंगाल की खाड़ी से उठा मोंथा चक्रवात के चलते जिले में अभी तक बादल छाया हुआ था, लेकिन विगत तीन दिनों से अब हवा के साथ रूक-रूक कर बारिश भी शुरू हो गई है, जिसके चलते इसका असर अब फसलों पर दिखाई देने लगा है, जिसको लेकर अब किसानों की परेशानी बढऩे लगी है। ऐसे में अगर जल्द मौसम साफ नहीं होता है तो धान फसल तो चौपट होगा ही साथ ही टमाटर फसल भी खराब हो जाएगा, इससे किसानों को दोहरा मार झेलना पड़ेगा। वहीं मौसम विभाग के अनुसार मोंथा चक्रवात निम्न दाब के रूप में पूर्वी विदर्भ और उससे लगे दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर स्थित है, जो उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसके साथ ही ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके चलते आगे बढ़ते हुए पूर्वी मध्य प्रदेश और उससे लगे उत्तर छत्तीसगढ़ की ओर गमन करते हुए निम्न दाब के रूप में अगले 24 घंटे में परिवर्तित होने की संभावना है। इससे शुक्रवार को जिले में हल्की से मध्यम वर्षा तथा गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है। साथ ही जिले के कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा भी हो सकती है। वहीं बताया जा रहा है कि मोंथा चक्रवात लगातार कमजोर हो रहा है, इससे वर्षा की संभावना बढ़ रही है। ऐसे में एक नवंबर को जिले के अधिकांश भाग में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
बारिश के चलते नहीं हो रही कटाई
किसानों की मानें तो इस साल अच्छी बारिश होने से ज्यादातर किसान धान की अर्ली फसल लगाए थे, जो अब पक कर पूरी तरह से तैयार हो गया है, साथ ही कुछ किसान विगत 10 दिन पहले से ही उसकी कटाई भी शुरू कर दिए हैं, जिससे ज्यादातर फसल कटने के बाद खेतों में पड़ा हुआ है। वहीं मोंथा चक्रवात को देखते हुए कई किसान हार्वेस्टर से धान काटने की तैयारी में लगे थे, लेकिन इन दिनों हो रही रूक-रूक कर बारिश के चलते खेत गिला होने के कारण हार्वेस्टर नहीं चल रहा है, इससे अब तैयार फसल भी खराब होने लगा है। वहीं कुछ धान फसल की अभी बाली आनी शुरू हुई है, इससे चल रहे हवा-पानी के चलते उक्त फसल गिरने लगा है, ऐसे में किसानों का कहना है कि जो फसल हवा से गिर जा रहा है, वह लगभग पूरी तरह से खराब हो जाएग, क्योंकि इस बरसात के चलते खेत गिला हो गया है, जिससे फसल में कीड़े के साथ-साथ नमी के चलते पका हुआ धान अंकुरित हो जाएगा, और जिस फसल से बाली निकलना शुरू हुआ है उसका दाना कमजोर हो जाएगा, इससे पैदवार में कमी आएगी। ऐसे में अब जल्द मौसम साफ होता है तो पहले तैयार धान फसल की कटाई की जाएगी, ताकि कम से कम नुकसान का सामना करना पड़े।
मोंथा का असर : विगत तीन दिनों से हो रही रूक-रूक कर हल्की वर्षा
धान व टमाटर फसल हो रही चौपट, किसानों के मेहनत पर फिर रहा पानी



