रायगढ़। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह 2025 की नवमी संध्या में छत्तीसगढ़ की प्रख्यात लोकगायिका कविता वासनिक ने अपनी सुरीली आवाज और लोकधुनों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोकगायिका कविता वासनिक और उनकी टीम अनुराग धारा परिवार ने छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां देते हुए छत्तीसगढ महतारी और माटी के प्रति गहरा भाव प्रकट किया। कार्यक्रम का आगाज गणेश स्तुति और नवदुर्गा गीतों से हुआ, जिसके बाद उन्होंने लोकजीवन की झलक दिखाते हुए गाड़ी वाला रे.., हरेली गीत, ददरिया बखरी के तुमा नार.., कर्मा गीत महुआ झरे, चौरा म गोंदा.., ददरिया और छेरछेरा, पता दे जा रे-पता ले जा रे गाड़ी वाला… जैसे लोकप्रिय गीत प्रस्तुत किए। कविता वासनिक की लोकगायन शैली ने दर्शकों को छत्तीसगढ़ की मिट्टी, गांव-गांव की परंपरा और लोकजीवन की सजीव अनुभूति कराई। जैसे ही उन्होंने कर्मा और ददरिया गीत गाए, दर्शक तालियों की गडगड़़ाहट और नृत्य की उमंग से झूम उठे। लोकगायिका ने अपने सुरों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति, आस्था और जीवनशैली का अद्भुत चित्रण प्रस्तुत किया। हर प्रस्तुति ने दर्शकों को लोकसंगीत की उस दुनिया में पहुंचा दिया, जहां परंपरा और विरासत जीवंत हो उठती है। गीत के साथ दर्शक तालियों से उनका स्वागत करते रहे और पूरे कार्यक्रम स्थल में लोकसंस्कृति की गूंज छा गई। कविता वासनिक लंबे समय से छत्तीसगढ़ी लोकसंगीत की साधना कर रही हैं। उन्हें कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। उनकी प्रस्तुति ने इस वर्ष के चक्रधर समारोह में छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति की गरिमा को और ऊँचाई प्रदान की। कविता वासनिक ने मंच पर जो जादू बिखेरा, वह चक्रधर समारोह के शास्त्रीय और लोक संगीत के संगम को और अधिक समृद्ध बना दिया।