रायगढ़। खरसिया विकासखंड के बरगढ़ खोला अंतर्गत ग्राम नंदगांव पंचायत के आश्रित गांव डेराडिह में इन दिनों अवैध रेत परिवहन का गोरखधंधा चरम पर है। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन लग भग सैकड़ों से भी अधिक गाडिय़ां डेराडिह से रेत लादकर विभिन्न स्थानों की ओर रवाना हो रही हैं। इस अवैध कारोबार ने क्षेत्र के लोगों का जीवन दूभर कर दिया है, जबकि प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, डेराडिह गांव में रेत माफिया खुलेआम नदी तट से रेत निकालकर ट्रैक्टर में लादकर भेज रहे हैं। अवैध खनन और परिवहन का यह खेल सुबह से लेकर देर रात तक बेरोकटोक चलता रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पूरे धंधे में प्रशासनिक संरक्षण की बू आ रही है, तभी तो इतनी बड़ी मात्रा में रेत की ढुलाई बिना किसी रोक-टोक के संभव हो पा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस रेत परिवहन से जुड़े लोग जगह-जगह अवैध वसूली का जाल फैलाए हुए हैं। रेत से लदी हर गाड़ी से ‘पासिंग’ के नाम पर वसूली की जा रही है। स्थानीय स्तर पर कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।
डेराडिह और आसपास के गांवों की सडक़ें ट्रकों के लगातार आवाजाही से जर्जर हो गई हैं। धूल-मिट्टी से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। स्कूल जाने वाले बच्चे, राहगीर और दोपहिया वाहन चालक दुर्घटना के भय से रोज जूझ रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अवैध रेत परिवहन का गढ़ बना बरगढ़ खोला का डेराडिह
