रायपुर। केरल में पूर्व एबीव्हीपी नेता पिंटू महादेव ने टीव्ही पर बहस के दौरान राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी दी। इसे लेकर रायपुर के सिविल लाइन थाने में कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी की। उन्होंने महादेव के खिलाफ एफआईआर करने की मांग की। लेकिन एक्शन नहीं लिया गया। इससे नाराज कांग्रेस नेताओं ने 5 घंटे तक हंगामा किया। वहीं सिविल लाइन सीएसपी रमाकांत साहू ने कहा कि पूरे मामले की जांच के बाद ही करवाई हो पाएगी। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि जब तक मामला दर्ज नहीं हो जाता है वह थाने में ही बैठे रहेंगे। हालांकि, बाद में कांग्रेसी लौट गए। विकास उपाध्याय ने कहा कि भाजपा ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी है। जब भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई टिप्पणी की जाती है, तो तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली जाती है। लेकिन राहुल गांधी को जान से मारने की बात कही गई। सीने पर गोली मारने की बात कही गई। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यह संविधान और कानून का उल्लंघन है।
दरअसल, 26 सितंबर को केरल में एक न्यूज चैनल पर लद्दाख हिंसा मामले में लाइव बहस चल रही थी। इस दौरान भाजपा की तरफ से बोलने आए पूर्व एबीव्हीपी नेता पिंटू महादेव ने कहा था कि, राहुल गांधी को सीने पर गोली मार दी जाएगी। जिसके बाद से देशभर में कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई और मामला विधानसभा तक पहुंच गया। केरल विधानसभा में भी इस विषय पर हंगामा हुआ। कांग्रेस की अगुआई वाली यूडीएफ ने राज्य सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में ढील बरत रही है।
केरल पुलिस ने पिंटू महादेवन के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। केपीसीसी के सचिव श्रीकुमार सीसी की शिकायत पर पेरामंगलम पुलिस ने एफआईअर दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। जिसमें कहा कि अगर महादेवन के खिलाफ तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो यह माना जाएगा कि सरकार की मिलीभगत है। राहुल गांधी की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ ने उन पर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोडऩे का आरोप लगाया है। सीआरपीएफ ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को पत्र लिखकर कहा कि राहुल गांधी पिछले 9 महीने में बिना सूचना दिए 6 बार विदेश गए। इस दौरान वे इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया की यात्रा कर चुके हैं।
सीआरपीएफ ने राहुल गांधी को भी अलग से पत्र भेजा था। जिसमें लिखा था कि इस तरह की चूक से उनकी कैटेगरी सुरक्षा कमजोर पड़ सकती है। उन्हें खतरे का सामना करना पड़ सकता है। एजेंसी ने कहा कि इससे पहले भी वह इस मुद्दे को उठा चुकी है। केंद्र सरकार ने 2019 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को दी गई विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा वापस ले ली थी। इस सुरक्षा कवर की जगह सीआरपीएफ ने ले ली। एसपीजी सिक्योरिटी गांधी परिवार के पास करीब 3 दशक तक रही। राहुल गांधी को फिलहाल एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (्रस्रु) कवर के साथ सबसे हाई लेवल र्की ं+ सिक्योरिटी मिली है। इस सुरक्षा श्रेणी वाले लोगों को ‘यलो बुक प्रोटोकॉल’ के तहत अपनी हर गतिविधि और विदेश यात्रा की जानकारी पहले से सुरक्षा एजेंसियों को देनी होती है ताकि उनके लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जा सकें।
राहुल गांधी को गोली मारने की धमकी पर बवाल, पुलिस ने नहीं लिखी एफआईआर, थाने में बैठे कांग्रेसी
