धरमजयगढ़। तमनार के बजरमुड़ा प्रकरण की तर्ज पर अब धरमजयगढ़ में भी अवैध शेड निर्माण का खेल सामने आया है। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के प्रस्तावित बायपास मार्ग पर भू-माफियाओं और कुछ कृषकों ने शासन को लम्बी चपत लगाने की नीयत से कृषि भूमि पर अवैध शेड निर्माण शुरू कर दिया था।
इन शेडों का निर्माण न तो किसी सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेकर किया गया था और न ही भूमि का डायवर्सन कराया गया था। पूरा निर्माण सिर्फ और सिर्फ अधिक मुआवजा हड़पने की लालसा में किया गया था।
अनुविभागीय अधिकारी (रा.) प्रवीण भगत और तहसीलदार हितेश कुमार साहू ने अवैध निर्माणकर्ताओं को तीन बार नोटिस जारी किया था। अंतिम नोटिस मे स्वयं से शेड हटाने का अल्टीमेटम दिया गया। लेकिन नोटिस मिलने के बाद भी जब अवैध शेड नहीं हटाए गए, तब प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई का रास्ता चुना गया।
आज सुबह राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम पूरे दल-बल के साथ मौके पर पहुँची। देखते ही देखते बुलडोजर ने अवैध शेडो को जमींदोज कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से क्षेत्र में संदेश गया है कि शासन को धोखा देने वालों पर अब सख़्ती से नकेल कसी जाएगी।
जाँच में सामने आया कि इन शेडों में न तो कोई पहुँच मार्ग था, न बिजली-पानी की सुविधा, न ही पशुपालन या उत्पादन कार्य। शेड केवल कागजों में उपयोगी दिखाने और मुआवजा बढ़वाने की मंशा से बनाए गए थे। यह पूरा मामला बजरमुड़ा की तर्ज पर करोड़ों की फर्जीवाड़ा कोशिश साबित हुआ। स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह छ.ग. भू-राजस्व संहिता की धारा 172 का उल्लंघन है। कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन कराए और बिना अनुमति निर्माण पूर्णत: अवैध है।
एसडीएम धरमजयगढ़ प्रवीण भगत ने कहा कि न्यायालय अवैध शेड निर्माण को लेकर विधिवत नोटिश जारी किया गया है अंतिम आदेश मे अवैध निर्माण को हटाने के लिए आदेश दिया गया था परन्तु अवैध निर्माण कर्ताओ द्वारा अपना कब्जा नहीं हटाया गई। इसलिए आज यह कार्यवाही कि गई है।
अवैध शेड पर चला प्रशासन का बुलडोजर, करोड़ों की फर्जीवाड़े की कोशिश नाकाम
