रायगढ़. गर्मी शुरू होते ही पहाड़ों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है, ऐसे में सोमवार शाम से ही शहर से लगे गजमार पहाड़ी के एकताल के जंगल में आग लगी हुई हो, जो पूरी रात जलता रहा। ऐसे में अगर आग पर काबू नहीं पाया गया तो यह आग लगातार फैलता रहेगा। जिससे इमारती लकडिय़ां तो जल ही रही है साथ ही जंगली जीवों पर भी इसका असर पड़ेगा।
गौरतलब हो कि इस बार फरवरी माह से ही गर्मी की शुरुआत गई है। जिससे जिले के जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी है। ऐसे में सोमवार शाम से मेडिकल कालेज के आगे एकताल रोड किनारे जंगल से आग की शुुरूआत हुई थी, जो देखते ही देखते पहाड़ की ऊंची चोटियों तक पहुंच गई थी। वहीं आसपास के लोगों ने बताया कि यह आग पूरी रात जलती रही। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस आगजनी से कई किलोमीटर तक जंगल इसके चपेट में आ चुका होगा। ऐसे में इस आगजनी से हरा-भरा पेड़ तो क्षतिग्रस्त हो ही रहा है, साथ ही जंगली जीव पर भी इसका असर पड़ेगा, हालांकि इसकी जानकारी विभाग को भी है, लेकिन आगजनी को रोकने कोई ठोस पहल नहीं होने के कारण पूरे गर्मी भर अलग अलग जगह आग लगती रहती है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि महुआ के समय में ज्यादा आग लगती है, लेकिन अभी महुआ का समय नहीं आया है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि किसी ने बीड़ी जलाकर फेक दिया होगा, जिसके चलते यह आगजनी हुई है। जिसे बुझाने का प्रयास किया जा रहा है।
जागरूकता का बना है अभाव
इस संबंध में वन विभाग का कहना है कि फरवरी माह के शुरूआत से ही जगह-जगह कार्यशाला आयोजित कर वन को बचाने की जानकारी दी जा रही है, ताकि इस तरह की आगजनी न हो, हालांकि अभी एकताल के जंगल में यह आग लगी हुई है, जिसे बुझाने का प्रयास जारी है। ऐसे में अभी भी लोगों में जागरूकता का अभाव है जिसके चलते इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है। ऐसे में विभाग को जंगल के किनारे बसे ग्रामीणों को ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है।
24 घंटा बाद टीम हुई रवाना
सोमवार को दोपहर से ही एकताल के जंगल में आग लगी हुई है, जिससे मंगलवार शाम को वन विभाग की टीम इस आग को बुझाने के लिए निकली है, ऐसे में अभी तक यह आग कितने दूर तक फैल चुका है, इसकी जानकारी विभाग को भी नहीं है। ऐसे में यह बताया जा रहा है कि अब टीम पहुंची है, और जल्द ही आग पर काबू पा लेगी।
गर्मी शुरू होने से पहले ही जलने लगा गजमार पहाड़
मेडिकल कालेज अस्पताल के पास से लगी है आग, इमारती लकडिय़ों के साथ जंगली जीवों का होगा सफाया
