रायगढ़। शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ रासेयो प्रकोष्ठ के दिशा निर्देशानुसार जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा संस्था के चेयरमैन श्री शिरीष सारडा ,डायरेक्टर श्रीमती तृप्ति अग्रवाल के संरक्षण एवं प्राचार्य डॉ गजेन्द्र चक्रधारी के मार्गदर्शन में तथा रायगढ़ के अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध आर्टिस्ट, डिजाइनर, कैलीग्राफर, विजुलाइजर, साहित्यकार एवं समाजसेवी श्री मनोज श्रीवास्तव के मुख्य आतिथ्य में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज मिलेट्स पर व्याख्यान,प्रदर्शनी कार्यशाला का एक दिवसीय आयोजन 9 सितंबर 2023 दिन शनिवार को किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि द्वारा विद्या की अधिष्ठात्री मां सरस्वती के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। अतिथि के स्वागत हेतु बीएड द्वितीय वर्ष के छात्रों द्वारा अभिनंदन गीत की सुमधुर आत्मीय प्रस्तुति दी गई। छात्रों ने मिलेट्स से बने स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन का प्रदर्शन कर गुण विशेष की जानकारी देकर जागरुकता लाई।
आहार में शामिल करने हेतु किया प्रेरित
व्याख्यान एवं प्रदर्शनी आधारित एक दिवसीय कार्यशाला कार्यक्रम का मंच संचालन करते हुए प्राचार्य डॉ गजेंद्र चक्रधारी ने मिलेट्स को अपने आहार में शामिल करने के लिए छात्रों एवं उपस्थित समस्त स्टॉफ को प्रेरित किया। वहीं कार्यशाला के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध पेंटिंग डिजाईन आर्टिस्ट रायगढ़ श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा मिलेट्स प्रदर्शित प्रतिभागी सभी छात्राओं द्वारा तैयार किए गए मिलेट्स की खूब प्रशंसा करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया।
छात्राओं ने किया जागरुक
कार्यशाला में बीएड द्वितीय वर्ष के छात्रों पायल अग्रवाल, विनीता पंडा, भावना शर्मा, दीपिका पटेल,खुशबू साहू, सलिता भगत,रेवती राठिया,प्रियंका चौहान, मंजु सिदार ,दीक्षा गुप्ता तथा बीएससी अंतिम वर्ष की स्वयं सेवक छात्रा बिंदिया गुप्ता ने क्रमश का मोटे अनाज मिलेट्स से बने स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन युक्त खाद्य पदार्थों को प्रदर्शित करते हुए उसकी गुण विशेषता से अवगत कराया और मिलेट्स का आहार के रूप में उपयोग करने हेतु जागरूक किया।
मिलेट्स मानव स्वास्थ्य के लिए हितकारी है
जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के डायरेक्टर श्रीमती तृप्ति अग्रवाल ने कहा कि विश्व में अब भी काफी संख्या में लोग कुपोषण के शिकार हैं। उन्हें पोषण युक्त आहार की जरूरत हैं। पोषण युक्त आहार में मिलेट्स शामिल है। मिलेट्स (मोटे अनाज) कोदो कुटकी ,ज्वार, बाजरा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हितकारी बताया। उन्होंने कहा कि पुराने जमाने में हमारे बुजुर्ग दादा दादी,नाना नानी जो स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन के नुस्खे बताए हैं आज भी प्रासंगिक है।वे गुनगुना गर्म पानी, शाकाहारी हरे साग सब्जियां आहार में लिया करते थे जिससे वो स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन जिया करते थे।
मिलेट्स मनुष्य को आर्थिक स्वावलंबन भी बनाता है
कार्यशाला के मुख्य अतिथि मनोज श्रीवास्तव ने छात्रों द्वारा मोटे अनाज से तैयार मिलेट्स व्यंजन की सराहना करते हुए कहा कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन द्वारा मिलेट्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए प्रयासरत है। मोटे अनाज मिलेट्स पौष्टिकता से भरपूर होता है। तथा बहुत कम लागत में अच्छा उत्पादन किया जा सकता है।मिलेट्स स्वास्थ्य लाभ देने के साथ साथ मनुष्य को आर्थिक स्वावलंबन व आत्म निर्भर भी बनाता है। जिले में कई महिलाओं के समूह मिलेट्स से बने स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों को विक्रय कर स्वास्थ्य लाभ के साथ अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही हैं।
कार्यशाला में इनकी रही उपस्थिति
अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज मिलेट्स पर आधारित व्याख्यान एवं प्रदर्शनी एक दिवसीय कार्यशाला के सुअवसर पर जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा के गतिविधि प्रभारी प्रो भारती जशवनी, प्रो सुजाता दाश, प्रो सीताराम कैवर्त्य, प्रोअरूण कुमार गुप्ता ,प्रो रोशनी गुप्ता सहित समस्त स्टॉफ एवं बीएड द्वितीय वर्ष, रासेयो स्वयं सेवकों तथा कॉलेज के अन्य छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।