रायगढ़। स्टेशन के स्टालों में रेल नीर की सप्लाई बेहद धीमी गति से हो रही है, जिसके चलते दो-दो दिन से स्टालों में पानी नहीं है, जिसके चलते सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्टाल संचालकों की मानें तो विगत पांच दिन पहले से आर्डर कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद पानी नहीं पहुंचा, ऐसे में यह कहा जा रहा है कि एजेंसी संचालक की मनमानी के चलते यहां हमेशा पानी की समस्या बनी रहती है।
रेलवे स्टेशन में रेल नीर सप्लाई के लिए जब से एजेंसी संचालक की बदली हुई है तब से यहां रेल नीर की सप्लाई में समस्या आ रही है। जिसको लेकर यहां के स्टाल संचालकों द्वारा लगातार शिकायत भी की जाती है, लेकिन यह कहकर टाल दिया जाता है कि ऊपर से ही सप्लाई नहीं आ रही है, हालंाकि देखा जाए तो अन्य स्टेशनों में इस तरह की समस्या नहीं आती है। ऐसे में यहां विगत तीन दिनों से किसी भी स्टाल में पानी नहीं है, जिसके चलते स्टाल संचालकों को तो जो नुकसान हो रहा है वह अलग है, लेकिन ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि रेल नीर के लिए स्टाल संचालक विगत 14 नंवबर से ही आर्डर कर चुके हैं, लेकिन अभी तक यहां पानी नहीं पहुंचा है। हालांकि यहां हर दो-चार दिनों में पानी की शार्टेज हो जाती है। वहीं जब शिकायत की जाती है तो यह कह कर टाल दिया जाता है कि बिलासपुर से सप्लाई नहीं आने से इस तरह की स्थिति निर्मित होती है। ऐसे में शुक्रवार को दोपहर में जब ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची तो पानी के लिए यात्री इस स्टाल से उस स्टाल तक भटकते नजर आए, लेकिन जब पानी नहीं मिली तो नलों से पानी भरकर ट्रेन में सवार हुए, ऐसे में यात्री तो परेशान हो ही रहे हैं, साथ ही स्टाल संचालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि स्टेशन के स्टाल संचालकों को रेलवे विभाग द्वारा शख्त निर्देशित किया गया है कि यहां बाहरी पानी की बिक्री नहीं करना है। ऐसे में अब न तो समय से रेल नीर उपलब्ध हो रहा है और न ही बाहरी पानी बेचने का परमिशन है, जिसका खामियाजा अब यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में बताया जा रहा है कि पानी सप्लाई को लेकर एजेंसी संचालक गंभीर नहीं है, जिससे इस तरह की समस्या हर 10 से 15 दिन में हो रही है।
एजेंसी संचालक खुद के लिए रखता है स्टाक
रायगढ़ में जिसके पास रेल नीर का एजेंसी है वह खुद एक स्टाल चलाता है। ऐसे में एजेंसी संचालक पानी आने के बाद सबसे पहले खुद के लिए स्टोर करके रखता है, उसके बाद अन्य स्टालों को सप्लाई करता है। ऐसे में जब सीआई से बात की गई तो उनका कहना था कि एजेसी संचालक के पास वर्तमान में 150 बोतल पानी पड़ा है, लेकिन अन्य स्टालों में देर शाम तक पानी नहीं था। ऐसे में अब आरोप यह लग रहा है कि एजेंसी संचालक खुद बेचने के लिए पानी जमा करके रखता है, ताकि अन्य स्टालों में सार्टेज होने से इसका बिक्री बढ़ेगा।
स्टेशन के स्टालों में रेल नीर खत्म, यात्री हो रहे परेशान
एजेंसी संचालक की मनमानी से बढ़ रही परेशानी
