रायगढ़। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संबलपुरी में विगत 22 अगस्त को लघु धान्य फसल अर्थात मिलेट्स के उत्पादन तकनीक व पौष्टिक गुणों के बारे में छात्र-छात्राओं एवं जनमानस में जागरूकता प्रदान करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वर्तमान परिवेश में मानव जीवन शैली की व्यस्त्तावश सभी लोग पौष्टिक आहार से वंचित होते जा रहे हैं। वहीं नयी युवा पीढ़ी को मिलेट्स की पौष्टिक गुणवत्ता के बारे में जागरूकता फैलाना है।
दी गई पोषण-आहार की जानकारी
इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में कृषि विज्ञान केंन्द्र रायगढ़ के आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ. मनीषा चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति रही। मैडम चौधरी ने मिलेट्स आधारित व्याख्यान देते हुए बताया कि रागी, कोदो, कुटकी, में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम तथा फाइबर से परिपूर्ण होने के कारण आज की जीवन शैली में एक उत्तम भोजन के रूप में देखा जा रहा है। वर्ष 2023 मिलेट्स वर्ष होने के कारण इसके उत्पादन व उपयोग को सरकार भी बढ़ावा दे रही है। जो कि एक अच्छी पहल है। इन्होने प्रोजेक्टर के माध्यम से ‘‘श्री अन्न’’ के विभिन्न व्यंजनों के बारे में बताया व ‘‘श्री अन्न’’ की प्रदर्शनी लगायी जिसमें रागी का माल्ट पेय विशेष आकर्षण को केन्द्र रहा, जिसका स्वाद का आनंद भी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने लिया।
विद्यार्थियों ने जाना उत्पादन का तरीका
कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. नीलकमल पटेल, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र रायगढ़ के द्वारा रागी और कोदों के उत्पादन तकनीक के बारे में छात्रों को सहज ढंग से बताया गया। वहीं इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य त्रिलोचन प्रसाद चौधरी ने कार्यक्रम की शुभारंभ करते हुए मिलेट्स वर्ष 2023 के बारे में प्रकाश डाले। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती संगीता राठौर व्याख्याता द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन श्री तरूण कुमार राठौर व्याख्याता के द्वारा हुई। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के समस्त व्याख्याता शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्रों का विशेष सहयोग रहा।