रायगढ़। आज इप्टा के गठन को इक्यासी वर्ष पूरे हो जाएंगे। 25 मई को आज ही के दिन विगत 1943 में इप्टा का गठन किया गया था। प्रख्यात रंगकर्मी प्रसन्ना इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सदस्यों ने बताया कि इप्टा अपनी स्थापना से देश के आवाम की आवाज को अभिव्यक्त करती रही है। जन मानस से जुड़ी है। बंगाल के अकाल के समय इप्टा ने अपने कलाकार साथियों के साथ सम्पूर्ण देश में कार्यक्रम किए व उन्हें सहायता भेजी।वहीं आज़ादी के आंदोलन में इप्टा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा का नामकरण देश के प्रख्यात वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा ने किया। देश के अनेक नामचीन साहित्यकार संगीतकार अभिनेता का जुड़ाव हमेशा से इप्टा के साथ रहा है।
शहर में तीस वर्षों से हो रहा आयोजन
विगत 30 वर्षों से लगातार इप्टा शहर में ग्रीष्म कालीन शिविर का आयोजन करती है और विद्यार्थियों को सांस्कृतिक अभिरुचियों से जोड़ती है. इस वर्ष इप्टा के बाल रंग शिविर का आयोजन तीन स्थलों पर किया जा रहा है। जिनमें सिद्धिविनायक कॉलोनी, प्रज्ञा विद्यालय बोइरदादार और स्वामी विवेकानंद विद्यालय रेलवे बांग्लापारा मे आयोजित है। इन शिविरों में विभिन्न आयु वर्ग के शताधिक छात्र भाग ले रहे हैं।
इन कलाकारों की है विशेष भूमिका
शहर में आयोजित इप्टा के प्रशिक्षण शिविर के संचालन में इप्टा के युवा साथियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें नामचीन कलाकार श्याम देवकर, आलोक बेरिया,शोभा सिंह दाऊ, प्रेरणा देवांगन, स्वप्निल नामदेव की देखरेख में शिविर संचालित है। वहीं शिविर के दौरान तैयार किये गये कार्यक्रम का प्रदर्शन 7 जून को पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में किया जाएगा।
शहर में इप्टा का शानदार ग्रीष्म कालीन शिविर का आयोजन
