रायगढ़। श्री राधे-राधे महिला मंडल भभेतास की माताओं के द्वारा बड़े ही श्रद्धाभाव से श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। आध्यात्मिक वातावरण, भजन-कीर्तन और श्रीकृष्ण महिमा के जयकारों से संपूर्ण परिसर भक्तिमय हो उठा। कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर राष्ट्रीय कथा-वाचक पूज्य डॉ. महेंद्र मिश्रा जी ने वेद-पुराणों की मर्यादा के अनुरूप श्रीमद् भागवत के महात्म्य का मधुर एवं हृदयस्पर्शी वर्णन किया। उन्होंने अपने दिव्य वचनों में कहा कि ‘भारत वर्ष में मनुष्य योनि का प्राप्त होना अत्यंत सौभाग्य की बात है। इस दुर्लभ मानव जीवन का उद्देश्य केवल धर्म, सेवा और भगवान की भक्ति में लगना चाहिए।’ महाराज जी ने कहा केवल हम छत्तीसगढिय़ा लोगों का इतना बड़ा भाग्य की हम ऐसे माटी में जन्म लिए जिस माटी को महतारी(मां) कहकर संबोधित किया जाता है जो भी यहां आते हैं थीं के बनकर रह जाते हैं परंतु कुछ विकृत मानसिकता के लोग ऐसी पावन भूमि को भी अपने स्वार्थ की बलि बेदी में चढ़ाने के आतुर दिख रहे हैं जहां की भाईचार विश्वविख्यात है ऐसे छत्तीसगढ़ की माटी को बदनाम कर रहे हैं तो ऐसे दुष्टों से बचकर रहना चाहिए
डॉ. मिश्रा जी ने कथा के माध्यम से भागवत पुराण की महिमा, भक्त-शक्ति, भगवान श्रीकृष्ण के लीलात्मक स्वरूप तथा जीवन में सदाचार और प्रेम के महत्व को विस्तार से समझाया। और अपने भारतवर्ष के छत्तीसगढ़ की माटी में सनातनी परिवार में जन्म प्राप्त होने पर ठाकुर जी की कृपा बताई कथामृत सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। महिला मंडल की ओर से सुंदर व्यवस्था, भजन मंडली द्वारा सुरमयी प्रस्तुति और भक्तों की उपस्थिति ने प्रथम दिवस के कार्यक्रम को अत्यंत सफल और अविस्मरणीय बना दिया। कार्यक्रम प्रतिदिन सायं 03 आयोजित किया जाएगा तथा प्रत्येक दिवस के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण महेन्द्र महाराज यूट्यूब चैनल में लाइव प्रसारण भी किया जरहा है।
भक्ति की शक्ति एवं नारी एकता का अनुपम उदाहरण : श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम



