रायपुर। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी मस्जिद’ नाम पर मस्जिद की नींव रखने को लेकर देशभर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, अयोध्या विवाद में जिस तरह फैसला आया। उससे देश के एक वर्ग की भावनाएं गहरी तौर पर आहत हुई है।
सिंहदेव ने कहा कि, बाबरी मस्जिद की नींव नहीं रखी जा सकती है, उसका तो विध्वंस हो गया, मस्जिद की नींव रखी जा सकती है,राम जी के मंदिर बनते हैं, हम राम जी की ही नाम लेते हैं, ये लोगों का ध्यान आकर्षित करने की बात है,कोई तुलना नहीं है राम जी और बाबरी मस्जिद में ,लेकिन एक भावना है कि आपने किसी से कोई चीज ले ली, देश के कानून के अनुरुप भी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 142,143 लागू करके ले ली, सबके लिए पूजा-अर्चना करने की स्वतंत्रता है, कुछ लोग हिंदु मुसलमान का वातावरण बना रहे हैं, हम सब भारतीय हैं।
उन्हें भी अपने तौर-तरीकों से पूजा-अर्चना करने की आजादी है। उन्होंने कहा कि, भारत में सभी धर्मों को बराबर सम्मान देने का संवैधानिक प्रावधान है। किसी समुदाय की भावनाओं को नजरअंदाज कर फैसले नहीं लिए जाने चाहिए। उनके इस बयान को बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखने की घटना से जोडक़र देखा जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस से निकाले गए विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को ‘बाबरी मस्जिद’ नाम से एक नई मस्जिद की नींव रखी। उन्होंने बेलडांगा के पास सैकड़ों समर्थकों की मौजूदगी में प्रतीकात्मक शिलान्यास किया। हुमायूं कबीर मुर्शिदाबाद के भरतपुर सीट से विधायक हैं। वह पिछले कई दिनों से ऐलान कर रहे थे कि 6 दिसंबर को वह ‘बाबरी मस्जिद’ के निर्माण की नींव रखेंगे। 4 दिसंबर को उन्हें टीएमसी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों और ‘सांप्रदायिक राजनीति’ के आरोप में निष्कासित कर दिया। बाहर निकलने के बाद कबीर ने कहा कि, वह हर हाल में मस्जिद बनवाएंगे और 22 दिसंबर को नई पार्टी भी बनाने की घोषणा कर चुके हैं। मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में मस्जिद का शिलान्यास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किया गया। इस कार्यक्रम में मौलवियों के साथ मिलकर कबीर ने फीता काटा और मंच पर ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर’ के नारे गूंजते रहे। सुबह से बड़ी संख्या में लोग मौके पर मौजूद थे। रेजीनगर और बेलडांगा इलाके में पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और केंद्रीय बलों की भारी तैनाती की गई थी। हुमायूं कबीर पहले भी पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं। जिसके चलते उन पर कार्रवाई होती रही है। लेकिन इस बार ‘बाबरी मस्जिद’ नाम का इस्तेमाल कर मस्जिद की नींव रखने को लेकर मामला और गरमा गया है।
सभी धर्मों को बराबर सम्मान देने का संवैधानिक प्रावधान-सिंहदेव
बाबरी मस्जिद की नींव रखने पर दिया बयान, कहा-आपने कानून के अनुरूप नहीं ली कोई चीज



