खरसिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना शताब्दी वर्ष में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बस्ती खाटू श्री श्याम बाबा खरसिया का पथ संचलन कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती शिशु मंदिर से हुआ तीन सौ से अधिक स्वयंसेवको की भागीदारी पूर्ण गणवेश के साथ हुई नगर भ्रमण के दौरान आरएसएस के पथ संचलन का जगह जगह नगरवासियों एवं महिलाओं एवं शहर की सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं द्वारा सडक़ पर दोनों ओर खड़े होकर पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। नगर भ्रमण के पश्चात टाउन हॉल मैदान में आयोजित विशाल कार्यक्रम में भारत माता, डॉ हेडगेवार व श्रीगुरुजी के चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर शस्त्र पूजन भी किया गया। गीत, सुभाषित, अमृत वचन के बाद वक्ताओं ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना उन्नीस सौ पच्चीस में विजयादशमी के दिन की गई थी उन्होने स्थापना से लेकर अब तक कि यात्रा का विवेचन किया। संघ के आगामी कार्यक्रमों में खरसिया बस्ती में उत्सव मनाया जायेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वरुप अन्य संस्थाओ जैसा नहीं है। उसकी शाखाओं में लोग 1 घण्टे आते है। शारीरिक अभ्यास के साथ अपने क्षेत्र, देश, समाज का चिंतन करते हैं। उनमें देशभक्ति, सच्चरित्र, निस्वार्थ भावना जैसे अनेक गुणों का संवर्धन वाले कार्यक्रम भी होते हैं। प्रयास यह है कि समाज की दृष्टि भौतिक विकास के साथ मन, बुद्धि और आध्यात्मिक विकास की दिशा में भी हो। वर्तमान में समाज का सज्जन वर्ग संघ से जुडना चाहता है। उनमें एक अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है। संगठित कार्य शक्ति से विश्व को नया मार्ग देने के साथ भारत को परम वैभव संपन्न बनाने के संकल्प के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करने में जुटा हुआ है। इस वर्ष पर संघ के वक्ताओं ने कहा कि इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। जैसा कि पहले बताया जा चुका है, आने वाला वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा। संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि 1). आत्मचिंतन करना, 2). संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना तथा 3). राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुन: समर्पित करना है। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में हम अधिक सावधानी, गुणवत्ता तथा व्यापकता से कार्य करने का संकल्प लेते हैं।