धरमजयगढ़/रायगढ़। जिले के धरमजयगढ़ ब्लॉक अंतर्गत राजस्व विभाग में जमीन संबंधी विवादों का इतिहास हैरतअंजेग कारनामों से भरा पड़ा है। अधिकांश मामलों में ऐसे कृत्यों को अंजाम दिया जाता है जिससे व्यक्ति विशेष के साथ साथ विभागीय जिम्मेदारों का हित भी सधता है। जमीन संबंधी ऐसे फर्जीवाड़े को संगठित तौर पर बड़ी चालाकी से अंजाम दिया जाता है। जिसमें कुछ मामलों में पहले रेवेन्यू कोर्ट में केस लगाकर न्यायालय को गुमराह कर अपने पक्ष में आदेश पारित करा लिया जाता है और जब विवाद की स्थिति सामने आती है तो न्यायालय के आदेश का हवाला दिया जाता है।
धरमजयगढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम मिरीगुडा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक स्थानीय शख़्स के नाम पर करीब 4 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई गई। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मौके पर उतने रकबे की निजी भूमि नहीं मिली।
जिसके बाद पक्षकार ने उस जमीन से सटे वन विभाग के कब्जे में आने वाली भूमि पर अपना दावा ठोक दिया। जानकारी के मुताबिक़ पक्षकार ने वन भूमि पर कब्जा कर लिया और वहां कुछ हिस्से पर पक्का स्ट्रक्चर भी तैयार कर लिया गया है। हालांकि वन विभाग द्वारा इस मामले में जांच लंबित होने की बात कही जा रही है।जानकारी के मुताबिक़ यह मामला धरमजयगढ़ के एक रसूखदार फैमिली से जुड़ा हुआ है जिसकी राजनीतिक व विभागीय पहुंच काफी ऊंची बताई जाती है।
दो विभागों के बीच फंसे पेंच का जल्द होगा खुलासा
इस हाइप्रोफाइल मामले को लेकर राजस्व विभाग से लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों द्वारा कई बार मौका मुआयना किया गया है। लेकिन दोनों विभागों के बीच फंसे इस 4 एकड़ जंगल की भूमि पर अपने आधिपत्य का दावा किए जाने के इस गंभीर मामले पर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। आगामी रिपोर्ट में इस पेंच के फंसने का कारण और विभागीय कारनामों का खुलासा किया जाएगा। इस मामले में तहसीलदार से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वह असफल रही।
वन विभाग द्वारा जांच जारी- सोर्स
वन विभाग और राजस्व विभाग के बीच फंसे हुए इस जमीन संबंधी मामले को लेकर एक विभागीय स्रोत से मिली जानकारी के मुताबिक़ जिस जंगल की भूमि पर अपने आधिपत्य का दावा किया जा रहा है वहां विभाग द्वारा पौध रोपण किया गया है। उन्होंने बताया कि जमीन विवाद को लेकर विभागीय जांच चल रही है।
उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए- दिनेश्वर राठिया
राजस्व और वन विभाग के बीच फंसे इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी रायगढ़ लोकसभा सचिव दिनेश्वर राठिया ने बताया कि जिस भूमि पर कब्जा किया जा रहा है वह सालों से वन विभाग के कब्जे में है। दिनेश्वर ने कहा कि यदि जमीन नहीं मिल रही है तो यह राजस्व विभाग के अधिकारियों और जमीन मालिक के बीच का मसला है। सिर्फ रजिस्ट्री के दस्तावेज के आधार पर वन विभाग की भूमि पर कब्जा करना अनैतिक है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की जाएगी।
रजिस्ट्री के आधार पर कई एकड़ वन भूमि पर कर लिया कब्जा!
