रायगढ़। जिले में छोटे-बड़े 200 से अधिक निजी औद्योगिक इकाइयों के अलावा सार्वजनिक संस्थानों में एनटीपीसी, एसईसीएल की अनेक कोल माइंस हैं। लेकिन जिले में बेरोजगारी का आंकड़ा 1 लाख को पार कर गया है। स्थानीय उद्योगों में भी स्थानी बेरोजगारों को प्राथमिकता नहीं मिलने के चलते युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र रायगढ़ में रोज युवाओं की कतार देखी जा सकती है। लेकिन रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं होने से उनमें हताशा साफ नजर आती है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक रायगढ़ जिले में रोजगार पाने के उद्देश्य से एक लाख से अधिक लोगों के पंजीयन हैं। नवंबर 2023 की स्थिति में जीवित पंजीयन की संख्या 1 लाख 9 हजार 108 है। खास बात यह है कि पंजीयन का यह आंकड़ा पिछले दो-तीन वर्षों से लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन रोजगार उपलब्ध होने वाले आवेदकों की तादाद नहीं बढ़ रही है। बीते 2023 में रोजगार मेला प्लेसमेंट कैंप के माध्यम से महज 1775 लोगों को ही रोजगार के लिए चयनित किया जा सका। दरअसल रायगढ़ जिले में हर साल रोजगार पंजीयन कराने वालों की तादाद तो बढ़ रही है। लेकिन उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। बताया जाता है कि रायगढ़ में छोटे-बड़े 200 से अधिक निजी औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की कोल माइंस में एसईसीएल की कई कोयला खदान हैं। निजी क्षेत्र के कोयला खदान भी जिले में संचालित हैं। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में एनटीपीसी का पॉवर प्लांट और कोल माइंस भी संचालित हैं। लेकिन ज्यादातर उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। जिससे रायगढ़ जिले में बेरोजगारों की तादाद साल दर साल बढ़ती जा रही है। बताया जाता है कि स्थानीय उद्योगों में स्थानीय युवाओं के बजाय अन्य जिले व प्रांत के युवाओं को प्राथमिकता मिलने से स्थानीय युवा रोजगार के अवसर से लगातार वंचित हो रहे हैं। यही वजह है कि जिले में बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ती जा रही है। विभागीय आंकड़ों की बात करें तो रायगढ़ जिला मुख्यालय के जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र में जीवित पंजीयन 1 लाख 9 हजार 108 हैं। खास बात यह है कि यह आंकड़ा बीते वर्षों में तत्कालीन सरकार शासन काल में ही एक लाख को पार कर गया था। लेकिन रोजगार के लिए चयनित आवेदकों की संख्या में ज्यादा इजाफा नहीं हो पाया। बताया जाता है कि जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से जिले में बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की मनसा से रोजगार मेला प्लेसमेंट कैंप लगाया जाता है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 2023 में 10 रोजगार मेला प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया गया। रोजगार देने के लिए कुल 128 नियोजक सामने आए जिसमें कुल रिक्त पदों की संख्या 4500 रही, लेकिन 10 रोजगार मेला प्लेसमेंट कैंप मैं महज 1775 आवेदकों को रोजगार के लिए चयन किया जा सका। इस तरह बीते वर्ष 2023 में नियोजकों की ओर से दी गई रिक्त पदों पर आवेदकों को चयनित नहीं किया जा सका। बताया जाता है कि रोजगार मेला में ज्यादातर ऐसे नियोजक सामने आते हैं जो युवाओं से सर्वे कार्य कराना चाहते हैं। जाहिर है कि रोजगार को लेकर निश्चितता नहीं होने के चलते ऐसे अवसरों को युवा स्वीकार नहीं कर पाते। खास बात यह है कि रोजगार मेला प्लेसमेंट कैंप में जिले में संचालित छोटे-बड़े निजी उद्योगों के नियोजक शामिल नहीं होते। बताया जाता है कि उद्योगों में रिक्त पदों की पूर्ति जान पहचान वाले लोगों को ही अवसर दिया जाता है। ज्यादातर उद्योगों में राज्य के बाहर से आए लोग मशीनमेन, ऑपरेटर, फीटर सहित अन्य तकनीकी पदों पर लंबे अरसे से कार्यरत हैं। जिससे इन्हीं लोगों की पसंद पर नए युवाओं को कंपनी में रखा जाता है। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह बताई जाती है कि स्थानीय युवा उद्योगों में काम करने से गुरेज करते हैं। लेकिन इसके पीछे की वजह को नहीं बताया जाता। स्थानीय युवाओं का कहना है कि स्थानीय उद्योगों में 12-12 घंटे काम लिया जाता है। साप्ताहिक अवकाश भी उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में कैसे काम किया जा सकता है। युवाओं का कहना है कि स्थानीय उद्योगों की कार्यप्रणाली में सुधार किया जाना आवश्यक है और नियमानुसार शासन द्वारा निर्धारित घंटे तक ही काम लिया जाए तो स्थानीय युवा निश्चित तौर पर काम करना चाहेंगे। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने में गुरेज किया जाता है। यही वजह है कि रायगढ़ जिले में 200 से ज्यादा निजी उद्योग संचालित होने के बाद भी स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी कम नहीं हो रही है।
जिले में मात्र 2770 को बेरोजगारी भत्ता
रायगढ़ जिले में रोजगार पाने के लिए पंजीयन करने वालों की संख्या जहां 1 लाख 9 हजार 128 दर्ज है। जिसमें पुरुष की संख्या 59 हजार 720 और महिलाओं की संख्या 49 हजार 388 है। खास बात यह है कि प्रदेश में पिछली सरकार के शासनकाल में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना शुरू किया गया। बताया जाता है कि रायगढ़ जिले में बेरोजगारी भत्ता के लिए कुल 2770 पात्र हैं। इस आंकड़े को लेकर भाजपा ने आवाज उठाते हुए एतराज जताया था। विभागीय अधिकारियों का कहना है की शासन द्वारा निर्धारित दिशा निर्देश के अनुसार ही बेरोजगारी भत्ता के लिए पात्रता का चयन किया जाता है। शासन के आदेशानुसार जिले के पात्र 2770 को बेरोजगारी भत्ता अप्रैल 2023 से प्रारंभ किया गया है।
नई सरकार से रोजगार की उम्मीद
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर बढऩे की उम्मीद की जा रही है। ज्यादातर युवाओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के साथ युवाओं के लिए उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की बात कही थी। जिससे प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर अब स्थानीय उद्योगों में रोजगार के अवसर बढऩे की जहां उम्मीद जताई जा रही हैं। वहीं रोजगार के नए अवसर मिलने की भी संभावना जताई जता रहे हैं। ज्यादातर युवाओं का मानना है कि युवाओं को बेहतर मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है। जिला स्तर पर इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे युवाओं को सीधे रोजगार से जोड़ा जा सके।