रायगढ़। आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्र में शुरू की गई मोर मकान मोर आस योजना का लाभ अब तक सभी पात्र लोगों को उपलब्ध नहीं हो पाया है। जानकारी के मुताबिक रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में मोर मकान मोर आस योजना अंतर्गत 1031 मकान की स्वीकृति दी गई थी। जिसमें लागत का 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार 20 फीसदी राज्य सरकार एवं 20 फीीसदी का अंशदान निगम प्रशासन को करना था। रायगढ़ में इस योजना अंतर्गत अब तक 631 मकान ही पूर्ण किए गए हैं। बताया जाता है कि करीब 131 करोड़ की इस योजना पर नगर निगम की ओर से अंशदान स्वरूप 20 करोड़ राशि अदा किए गए हैं। खास बात है कि केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से समुचित अंशदान नहीं प्राप्त होने के चलते मोर मकान मोर आस योजना अंतर्गत जहां भवनों का निर्माण पूरा नहीं किया जा सका है वहीं इस योजना को लेकर ज्यादातर लोग दिलचस्पी भी नहीं दिखा रहे हैं। अब प्रदेश में नई सरकार के गठन से इस योजना के जल्द पूरी होने एवं लोगों की आस जगने की उम्मीद जताई जा रही है। बताया जाता है कि मोर मकान मोर आस योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों से निगम अंशदान की राशि जमा कराती है। लेकिन खास बात यह है अब तक सिर्फ 256 लोगों ने ही अंशदान की राशि जमा की है। रायगढ़ शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत राज्य शासन द्वारा मोर मकान मोर आस योजना आवासहीन परिवारों के लिए शुरू की थी। बताया जाता है कि इस योजना का लाभ पात्र लोगों को उपलब्ध कराने के लिए योजना अंतर्गत सर्वे कराया गया था। इस तरह शहर के अलग-अलग क्षेत्र में निगम प्रशासन द्वारा फ्लैट युक्त मकान का निर्माण शुरू कराया गया। निगम सूत्रों के मुताबिक शहर में 1031 मकान बनने की मंजूरी मिली थी ,करीब 131 करोड़ की इस योजना में निगम प्रशासन ने अब तक 20 करोड़ का अंशदान दिया है। बताया जाता है कि इस योजना अंतर्गत मकान का आवंटन करने निगम प्रशासन द्वारा कई बार आवंटन की प्रक्रिया शुरू की लेकिन लोग मकान लेने जागरूक नहीं दिखे।
जिससे योजना को पूरा करने में विलंब होता रहा हालांकि निगम प्रशासन द्वारा इस प्रोजेक्ट के तहत मां बिहार पार्ट ए एवं बी कृष्ण वाटिका, भाटिया वाटिका, भगवानपुर, कौहाकुंडा में 624 आवास एवं बड़े अतरमुड़ा और साहेब राम नगर में 203 आवास के लिए कई बार विज्ञापन जारी किया। लेकिन 908 लोगों ने आवेदन किया जिससे पात्रता के आधार उन्हें आवंटित कर दिया गया। बताया जाता है कि इसके लिए अलग-अलग दर भी निर्धारित की गई है। इसके बावजूद महज 256 लोगों ने ही आवंटन प्राप्ति के बाद राशि जमा की है। जिससे इस योजना के तहत अब तक 631 आवास ही निर्माण किया जा सका है।
जमीन का पट्टा नहीं होने पर पात्रता नहीं
मोर जमीन मोर मकान अंतर्गत रायगढ़ शहरी क्षेत्र में अब तक 2264 मकान पूर्ण किए जा सके हैं। निगम सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत रायगढ़ शहरी क्षेत्र में 2858 मकान स्वीकृत है। रायगढ़ शहरी क्षेत्र में 590 आवास प्रगति पर हैं। बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र में इस योजना अंतर्गत पात्रता के लिए नियम काफी पेचीदा होने के चलते ज्यादातर लोग इससे वंचित हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह इस योजना के लिए सरलीकरण किया गया है। वैसे स्थिति नहीं होने के कारण लोगों को बिना पट्टे की जमीन पर मकान निर्माण के लिए पात्रता नहीं है। यही वजह है कि इस योजना अंतर्गत ज्यादातर गरीब वर्ग के लोग जमीन का पट्टा नहीं होने के कारण लाभ से वंचित हो रहे हैं।
लोग नहीं ले रहे दिलचस्पी
रायगढ़ शहरी क्षेत्र में मोर मकान मोर आस योजना से आवास का निर्माण होने के बाद भी आवंटन की पूरी प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के चलते फ्लैट खाली पड़े हैं। शहर के कौहाकुंडा क्षेत्र में ऐसे कई फ्लैट का निर्माण कई साल पहले कर लिया गया है। बाउंड्री वॉल के गेट पर ताला जड़ा हुआ है। बताया जाता है कि फ्लैट वाले इन आवासों के खिडक़ी दरवाजे जर्जर होते जा रहे हैं। यही वजह है कि लोग ऐसे मकानों को लेने के लिए गुरेज कर रहे हैं। जिससे आवंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। जिन लोगों के नाम आवंटित किए गए हैं ऐसे ज्यादातर लोग रहने योग्य सुविधा उपलब्ध नहीं होने की बात कर रहे हैं और यही वजह है कि लोग आवंटन की राशि जमा करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
शहरी क्षेत्र में पीएम आवास के लाभ से कई वंचित
मोर मकान मोर आस को लेकर लोगों में नहीं दिलचस्पी, 1031 स्वीकृत आवास में से 631 का ही निर्माण
