रायगढ़। जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी की प्रक्रिया को पूरी तरह सुचारू, पारदर्शी एवं किसान हितैषी बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी द्वारा सतत निगरानी की जा रही है। किसानों को उनके वास्तविक धान विक्रय में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कलेक्टर ने रकबा समर्पण, धान उठाव तथा भौतिक सत्यापन की प्रगति पर विशेष जोर देते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नोडल अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर स्वयं प्रतिदिन धान खरीदी योजना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं तथा प्रत्येक शाम समीक्षा बैठक आयोजित कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। कलेक्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के 105 धान उपार्जन केंद्रों के नोडल अधिकारियों की विस्तृत समीक्षा बैठक ली। बैठक में अपर कलेक्टर एवं जिला धान खरीदी के नोडल अधिकारी श्री अपूर्व प्रियेश टोप्पो, सभी अनुविभागीय अधिकारी, खाद्य अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने बिंदुवार अब तक की धान खरीदी की प्रगति, धान के उठाव की स्थिति, बारदाना की उपलब्धता, किसानों को ऑनलाइन टोकन सुविधा, पोर्टल में प्रविष्टि, रकबा समर्पण, भौतिक सत्यापन तथा धान के अवैध भंडारण एवं परिवहन पर की जा रही कार्रवाई की विस्तार से समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि जिन उपार्जन केंद्रों की बफर लिमिट पूर्ण हो चुकी है, वहां धान के उठाव की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। इसके लिए अधिक से अधिक डिलीवरी ऑर्डर जारी कर समयबद्ध उठाव सुनिश्चित किया जाए, ताकि उपार्जन केंद्रों में खरीदी प्रभावित न हो।
अवैध भंडारण एवं परिवहन पर सख्ती
बैठक में कलेक्टर ने धान के अवैध भंडारण एवं परिवहन पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार धान खरीदी प्रक्रिया का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही, अनियमितता या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वास्तविक किसानों को धान बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। टोकन प्राप्त करने से लेकर धान तौल एवं भुगतान प्रक्रिया तक किसानों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। कलेक्टर ने कहा कि धान खरीदी शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इसमें सभी अधिकारी पूरी निष्ठा, पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करें, ताकि वास्तविक किसानों को समय पर लाभ मिल सके और खरीदी व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो। उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2025 तक जिले में 19 हजार 578 किसानों से अब तक कुल 1091317.20 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। इसके एवज में किसानों को 25853.30 लाख रुपये की भुगतान राशि जारी की गई है। वहीं धान के अवैध भंडारण एवं परिवहन के मामले में अब तक 126 प्रकरण दर्ज करते हुए 28,887 क्विंटल से अधिक धान जब्त किया गया है, जिससे अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है। जिले में अब तक 9,100 कृषकों द्वारा कुल 859.37 हेक्टेयर रकबा समर्पण किया गया है।
रकबा समर्पण एवं भौतिक सत्यापन में लाएं तेजी
कलेक्टर ने तहसीलवार रकबा समर्पण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन किसानों ने अपना धान विक्रय कर लिया है, उनका रकबा समर्पण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। साथ ही भौतिक सत्यापन की कार्यवाही में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कृषि विभाग के अमले का प्रभावी उपयोग किया जाए। कलेक्टर ने सभी नोडल अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने उपार्जन केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करें तथा धान खरीदी की वास्तविक स्थिति की सतत निगरानी रखें। किसी भी प्रकार की समस्या या अव्यवस्था की स्थिति में तत्काल जिला प्रशासन को अवगत कराएं, ताकि समय रहते समाधान किया जा सके।
किसानों को धान विक्रय करने में कोई परेशानी ना हो : कलेक्टर
रकबा समर्पण, धान उठाव एवं भौतिक सत्यापन पर विशेष जोर, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों की ली समीक्षा बैठक, कलेक्टर स्वयं कर रहे है धान खरीदी योजना की मॉनिटरिंग, हर शाम को होती है समीक्षा बैठक



