धरमजयगढ़। विवादों से जुड़े आरकेएम कंपनी पर मजदूरों ने की कार्यवाही की मांग करते हुए कहा एसईसीएल खुली खदान छाल (खेदापाली) में ओवरबर्डन हटाकर कोयला निकाले जाने का कार्य आरकेएम कंपनी को मिला हुआ है। आरकेएम कंपनी का विवादों से नाता रहा है। कंपनी के कारगुज़ारियों की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में करते हुए मजदूरों ने अविलंब कार्यवाही की मांग की है। कंपनी से जुड़े पीडि़त मजदूर ड्राइवरों ने बताया नाम नहीं लिखने के शर्त पर एक पीडि़त ड्राइवर ने बताया पूर्व कांग्रेस की सरकार में सत्ता के दम पर छाल के छूटभैया नेताओं की शह पर छत्तीसगढिय़ा वाहन चालक मजदूर संघ (छाल) के नाम से संचालित यूनियन का दुबारा नया पंजीयन मजदूर एकता सेवा समिति के नाम से कराया गया, जिसने कंपनी में कार्यरत श्रमिकों के हित में कार्य करने की बात करते हुए बखूबी आरकेएम कंपनी से कोल इंडिया के हाई पवार कमेटी व ज्वाइट कमेटी के नियमानुसार वेतनभत्ता व अन्य सुविधा दिलाने के नाम पर श्रमिकों का भरोसा जीता जिसके बाद श्रमिकों का वेतन बढऩे के बाद करीब ढाई सालों से ज्यादा समय हो गया यूनियन श्रमिकों से अवैध वसूली करते हुए आर्थिक शोषण कर रही है।
यूनियन सदस्यता शुल्क पांच हजार के साथ मंथली सात सौ रुपए की हो रही अवैध वसूली
श्रमिकों ने बताया कि पूर्व में यूनियन के कुछ पदाधिकारियों द्वारा वेतन बढऩे के बाद एकमुश्त सदस्यता शुल्क के नाम पर 5000 रुपए की मांग की गई, जो श्रमिक एक बार में देने में असमर्थ थे उन्हे 3000 रुपए की दो किश्त में जमा लिया गया। उसके बाद कोई भी अतिरिक्त शुल्क यूनियन द्वारा कभी भी नहीं लेने की बात कही गई। परन्तु अचानक यूनियन के लोकल सदस्यों द्वारा पैसा देखकर छूटभैया नेता के साथ मिलकर यूनियन के नाम से हर महीना श्रमिकों से 700 रुपए की शुक्ल लिया जाने लगा जिसकी पावती दी जाती है।
मासिक शुल्क नहीं देने पर दी जा रही धमकी
कंपनी में कार्यरत श्रमिकों ने बताया कि यूनियन के सदस्यों का कहना की हमारे द्वारा पहल करके आरकेएम कंपनी से एचपीसी दर वेतन लागू कराया गया है यूनियन के नाम पर सभी सदस्यों से पहले 500 रुपए फिर बाद में 700 रूपये की मासिक शुल्क लिया जाने लगा वही यूनियन से श्रमिक द्वारा यूनियन में जमा हुए राशि का हिसाब मांगने, और हिसाब नहीं देने पर मासिक शुक्ल नहीं देने के बात पर छूटभैया नेताओं के दम पर यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा कंपनी में कार्य करने से निकालने साथ ही मारपीट करने की धमकी तक दी जाती है वही कई श्रमिकों को मारपीट कर कंपनी से बेवजह निकाला भी जा चुका है इन्ही सब के भय से श्रमिक शोषण हो रहे है।
शिकायत पर नहीं हुई अब तक कार्यवाही
कुछ श्रमिकों ने बताया कि उनके द्वारा मजदूर एकता सेवा समिति यूनियन के द्वारा अवैध रकम वसूली और मारपीट को लेकर कलेक्टर जनदर्शन में आकर लिखित में भी जिला के मुख्या से शिकायत कर चुके है पर शायद छूटभैया नेताओं के राजनीतिक दबाव के कारण अबतक रायगढ़ जिला कलेक्टर के द्वारा कोई भी जांच कार्यवाही नहीं की जा सकी जिससे अब श्रमिक न्याय की आस छोड़ चुके है । वही पीडि़त श्रमिक अब सभी अवैध रकम वसूली से संबंधित दस्तावेज के साथ समिति की जांच करवाने से लेकर आगे की आवश्यक कार्यवाही की तैयारी में है।



