रायगढ़। आरपीएफ पोस्ट में हुई गोली कांड मामले में प्रधान आरक्षक के मौत के बाद प्रथम दृष्टया मामूली बहस होने की बात सामने आ रही है, जिससे अब जीआरपी की टीम सही कारणों को जानने के लिए सबूत के साथ पिछला बैकग्राउंड की भी जांच में जुट गई है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को सुबह आरपीएफ पोस्ट में किसी बात को लेकर दो हेड कांस्टेबल में बहस होने के बाद प्रधान आरक्षक केएस लदेर ने प्रधान आरक्षक पीके मिश्रा के सिर में गोली मारकर हत्या कर दिया। जिसके बाद से जीआरपी ने हत्या व आम्र्स एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रधान आरक्षक को जेल तो भेज दिया, लेकिन अभी तक सही कारणों की जानकारी नहीं मिल पाई है। ऐसे में अब जीआरपी के सामने बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि किस कारणों से प्रधान आरक्षक ने इतना बड़ा कदम उठा लिया। इस संबंध में जीआरपी थाना प्रभारी आरके बोर्झा का कहना है कि उक्त मामले में आरोपी केएस लदेर से लगातार पूछताछ की जाती रही, लेकिन उसने हर बार अलग-अलग बाते करते रहा, जिसके चलते अभी तक कुछ खास कारण सामने नहीं आ पा रहा है। हलांकि अभी तक उसके द्वारा चलाई गई गोली को जब्त कर लिया गया है, साथ ही आरपीएफ पोस्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सील करके रखा गया है। वहीं कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद फुटेज की जांच की जाएगी, उसके बाद ही वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा। हालांकि आरोपी केएस लदेर के खिलाफ जीआरपी ने धारा 103 (1) बीएनएस और 27, 30 आर्स एक्स के तहत कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया है।
रंजिश रखा था आरोपी
उल्लेखनीय है कि आरोपी और मृतक दोनों एक ही बैच के थे, जिसके चलते दोनों किसी न किसी बात को लेकर बहस भी होते रहता था, लेकिन कई बातें ऐसी भी होती थी कि, दोनों का विचार नहीं मिलने के कारण आरोपी केएस लदेर हमेशा उससे नाराज रहता था।
इसी बात को लेकर बुधवार रात को भी जब दोनों एक साथ हुए तो पूरानी बातों पर इनकी चर्चा शुरू हो गई, जिसके बाद मृतक पीके मिश्रा सीसीटीवी रूम में जाकर कुर्सी पर बैठकर आराम करने लगा, इसी का फायदा उठाकर उसने दरवाजे के बाहर से ही उस पर गोली चला दी, जिसके चलते पीके मिश्रा खुद को बचा नहीं पाया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपी दो बार हो चुका है बर्खास्त
उल्लेखनीय है कि आरोपी केएस लदेर की पहले अनुपपुर पोस्ट में तैनात था उस समय ट्रेन में ड्यूटी के दौरान उसने किसी महिला यात्री से छेड़छाड़ किया था, जिसकी शिकायत पर विभाग द्वारा उसे बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन कुछ दिन बाद बहाल हो गया। उसके बाद उसकी पोस्टिंग बिलासपुर में हुई, लेकिन यहां भी किसी बात को लेकर पोस्ट प्रभारी से गाली-गलौच करते हुए तलावार से डराने का प्रयास किया था जिससे आम्र्स एक्ट दर्ज होने पर बर्खास्त किया गया था। उसके बाद बहाली होने पर उसकी पोस्टिंग रायगढ़ हुई थी, लेकिन यहां आने के बाद इसने पूराने रंजिस को लेकर मौका देखकर सर्विस पिस्टल से प्रधान आरक्षक पीके मिश्रा की हत्या कर दी।
सलामी के साथ मिश्रा को दी गई विदाई

आरपीएफ जवानों द्वारा पीके मिश्रा के मृत देह को उनके गृहग्राम मध्यप्रदेश के रीवा जिला अंतर्गत ग्राम महाजन के टोला ले जाया गया, जहां पहले से आरपीएफ जवान पहुंचे हुए थे और उनके शव पर तिरंगा चढ़ाते हुए सलामी देकर अंतिम विदाई दी गई। वहीं गुरुवार को जब पीके मिश्रा का मृत देह उनके गृहग्राम पहुंचा तो पूरे गांव में मातम पसर गया था, साथ ही घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश भी देखा गया।



