रायगढ़. जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक के लैब का विगत दो दिनों से लगातार प्लास्टर गिर रहा है। जिससे दोनों दिन बाल-बाल कर्मचारी और ब्लड जांच मशीन बचा है। ऐसे में अगर समय रहते इसका सुधार नहीं कराया गया तो कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन इसके बाद भी इसे सुधार के लिए कोई पहल नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल भवन के साथ-साथ वहां बने ब्लड बैंक का भवन भी पूराना होने के कारण जीर्ण-र्शीण स्थिति में पहुंच गया है। जिसको देखते हुए पूर्व में यहां फाल सिलिंग कराया गया था, ताकि ऊपर से प्लास्टर गिरने से लैब में लगी मशीनें व कर्मचारियों को नुकसान न पहुंचे, लेकिन अब फाल सीलिंग भी काफी पुराना होने के कारण पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, हालांकि इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन को भी है, लेकिन इसके बाद भी कोई कारगर पहल नहीं हो पाने के कारण लगातार अव्यवस्था फैल रही है। ऐसे में अब जिले में विगत 20 दिनों से बारिश भी पूरी तरह से बंद हो गई है। इसके बाद भी प्लास्टर गिर रहा है। वहीं शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे के आसपास ब्लड बैंक के लैब में एक कर्मचारी एलआईजा मशीन में ब्लड का सैंपल जांच करने के लिए लगाया था और करीब पांच मिनट पहले ही मशीन को चालू करके जैसे ही बाहर निकला कि अचानक भरभराकर कमरे प्लास्टर गिरने लगा, जिससे आवाज आने पर जैसे ही वह अंदर गया तो देखा कि प्लास्टर के साथ फाल सिलिंग भी गिर गया था, जिससे एलआईजा मशीन के ऊपर भी बड़ी संख्या में मलवा पड़ा था, ऐसे में कहीं मशीन में खराबी न आ जाए इसको ध्यान में रखते हुए आनन-फानन में मशीन को वहां से हटाया गया और जांच किया गया तो मशीन ठीक था। जिससे उक्त कमरे से हटा कर दूसरे कमरे में उस मशीन को लगाया गया। साथ ही कुछ मशीनों को उसी कमरे में दूसरे भाग में लगाया सेट किया गया, ताकि काम चलते रहे। ऐसे में अगर मशीन के पास कर्मचारी होता तो वह भी बुरी तरह से घायल हो गया होता, लेकिन कमरे से बाहर जाने के बाद हादसा हुआ, जिससे वह बाल-बाल बच गया। ऐसे में लैब के कर्मचारियों को लगा कि अब जितना गिरना है वह गिर है ऐसे में कमरे के दूसरे छोर पर अन्य मशीनों को सेट कर काम चालू किया गया था, जिससे शनिवार को दोपहर करीब एक बजे फिर से कमरे के दूसरे छोर का प्लास्टर व फाल सिलिंग गिर गया। जिसको लेकर अब कर्मचारियों में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है।
सीपेज का दे रहे हवाला
इस संबंध में अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो भवन काफी पुराना हो गया है, लेकिन सिपेज ज्यादा होने के कारण प्लास्टर गिर रहा है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि जिले में विगत 20 दिनों से बारिश बंद है और तेज धूप हो रहा है, ऐसे में सीपेज कैसे होगा। उक्त भवन काफी पुराना होने के कारण पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जिसके चलते यह तरह के हादसे हैं रहे हैं। ऐसे में अगर समय रहते मेंटेनेंस नहीं हुआ तो बड़ा हादसा हो सकता है।
ब्लड जांच भी हो रहा प्रभावित
उल्लेखनीय है कि मौसम में बदलाव होने के कारण इन दिनों जिला अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं, जिससे ज्यादा मरीजों को सर्दी-बुखार होने के कारण सभी को ब्लड जांच कराने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में विगत दो दिनों लैब का प्लास्टर गिरने से उक्त कमरें में कमचारी जाने से कतराने लगे हैं, जिससे जांच का काम भी प्रभावित हो रहा है। हालांकि शनिवार को दोपहर बाद बाहर के कमरे में मशीन को सेट किया गया है, ताकि मरीजों को परेशानी न हो और काम सूचारू रूप से चलता रहे, लेकिन यहां भी प्लास्टर गिरने का भय बना है, जिससे कर्मचारी सैंपल को मशीन में डालकर कमरे से बाहर निकल जा रहे हैं और जांच होने के बाद कमरे कुछ ही देर के लिए जा रहे हैं।
अचानक ब्लड बैंक का गिरा प्लास्टर
बाल-बाल बचे कर्मचारी और एलआईजा मशीन, अब उस कमरे में जाने से कतराने लगे कर्मचारी, बाल-बाल बचे कर्मचारी और एलआईजा मशीन, अब उस कमरे में जाने से कतराने लगे कर्मचारी
