जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस पर रायगढ़ में उमड़ा संस्कृति का विराट उत्सव
उत्तर छत्तीसगढ़ क्षेत्र जनजातीय लोकनृत्य महोत्सव में सजी परंपराओं की रंगारंग छटा
मंत्री ने कहा कि अपनी भाषा, संस्कृति और अस्मिता को कभी मत छोडि़ए
रायगढ़। जिले में आज जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस 2025 का भव्य और गरिमामयी आयोजन हुआ, जिसमें जनजातीय समाज की परंपराओं, कला, संस्कृति और जीवन मूल्यों की अनूठी झलक पूरे वैभव के साथ देखने को मिली। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के इस पावन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण उत्तर छत्तीसगढ़ क्षेत्र जनजातीय लोकनृत्य महोत्सव रहा, जिसने पूरे आयोजन को सांस्कृतिक उत्सव में बदल दिया।
यह कार्यक्रम सांस्कृतिक भवन ऑडिटोरियम, पंजरी प्लांट, नगर निगम रायगढ़ परिसर में आयोजित किया गया, जहाँ सुबह से ही जनजातीय कलाकारों, ग्रामवासियों, समाज प्रमुखों व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने उत्सव को जीवंत कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग के मंत्री श्री गजेन्द्र यादव शामिल हुए।

मंत्री श्री यादव ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के संदेशों का वाचन किया। इसके पश्चात मुरिया, पंथी, सरहुल, करमा सहित जनजातीय लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरा ऑडिटोरियम को करतल ध्वनि से गूँजा दिया। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की लय और जनजातीय परिधानों की आभा ने समूचे वातावरण को उत्सवी रंगों से भर दिया। अपनी प्रेरक उद्बोधन में मुख्य अतिथि मंत्री श्री गजेंद्र यादव ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक चेतना, एक विचार और एक क्रांति हैं। वे भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के ऐसे महानायक हैं, जिनका साहस और संघर्ष आदिवासी समाज की अस्मिता का आधार है। उन्होंने अपने नेतृत्व क्षमता और साहस से अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी और पूरे जनजातीय समाज को एकजुट किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के सबसे निकट रहने वाला समुदाय है। जंगल की हर आहट को पहचान लेना, ऋतु परिवर्तन को भाँप लेना, प्रकृति के संकेतों को आत्मसात कर लेना-यह कोई साधारण क्षमता नहीं, बल्कि पीढिय़ों से अर्जित वह प्राकृतिक चेतना है जिसे दुनिया आज भी शोध का विषय मानती है। अंडमान-निकोबार के जारुवा समुदाय का सुनामी पूर्व चेतावनी इसका जीवंत उदाहरण है।
मंत्री श्री यादव ने परंपराओं की रक्षा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सभ्यताओं का विनाश तब होता है जब उनकी भाषा, संस्कृति और ज्ञान पर प्रहार होते हैं। इसलिए मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ अपनी संस्कृति, अपनी भाषा और अपनी अस्मिता को कभी मत छोडि़ए। यही हमें विशिष्ट बनाती है, यही हमारी पहचान है और यही हमारी आने वाली पीढिय़ों की धरोहर है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की जीवन शैली, परंपराएँ, सामुदायिकता, प्रकृति के प्रति सम्मान और श्रम संस्कृति आज के समय में दुनिया के सामने आदर्श हैं। कार्यक्रम में उन्होंने जनजातीय कलाकारों, समाज प्रमुखों, वरिष्ठजन और अंचल से आए नागरिकों एवं प्रतिभावान विद्याथियों को सम्मान भी किया। इस अवसर पर महापौर श्री जीवर्धन चौहान ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री श्री यादव को पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर श्री राकेश गोलछा एवं पूजा बंसल ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया।
लोक नृत्य महोत्सव पर विभिन्न दलों ने दी आकर्षक प्रस्तुति
उत्तर छत्तीसगढ़ क्षेत्र जनजातीय लोक नृत्य महोत्सव के अवसर पर विकासखण्ड तमनार के ग्राम-मौहापाली के कर्मा नृत्य पार्टी एवं देवगढ़ के मां समलाई कला पार्टी ने कर्मा नृत्य पर अपनी प्रस्तुति दी। इसी तरह विकासखण्ड घरघोड़ा के ग्राम बहिरकेला के लोक नृत्य कर्मा मंडली एवं छोटे गुमड़ा के जय ठाकुर देव कर्मा पार्टी, पुसौर के कर्मा पार्टी बिंजकोट, खरसिया के गेडी कर्मापार्टी काफरमार, लैलूंगा तोलमा के डुम्बारी पारा कर्मा पार्टी एवं खेड़आमा के आबा. आदिवासी करमा नृत्य, रायगढ़ काटाहरदी के बैगिन डोकरी कर्मा दल एवं धरमजयगढ़ के जय ठाकुर देव कर्मा सिथरा एवं जय मां लक्ष्मी पार्टी भुण्डीबहरी पोड़ीछाल ने कर्मा नृत्य पर अपनी प्रस्तुति दी।



