रायगढ़। नामकरण की शर्तों का उलंघन किये जाने के कारण ओपी जिंदल मार्ग और सावित्री जिंदल सेतु का नाम बदलने का प्रस्ताव ,जीएसटी में बदलाव किए जाने के कारण प्रधान मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किये जाने का प्रस्ताव नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में बहुमत से पारित कर दिया गया। इन दिनों प्रस्ताव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और तकरार देखने मिली। बैठक में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए प्राप्त निविदा दरों को सर्वसम्मति से पास किया गया। इससे पूर्व प्रश्नकाल में पार्षदों द्वारा पूछे गए प्रश्नों को चर्चा हुई जिसमें निर्धारित समय तक 27 सवालों में से 16 के जवाब दिए गए।
आज मंगलवार को नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई। सदन में लाये गये कुल 5 प्रस्तावों पर चर्चा प्रारंभ की गई। पहला प्रस्ताव न्यू शनि मंदिर रोड से लेकर छठ घाट तक नये मरीन ड्राइव विस्तार के लिए प्राप्त निविदा की दर स्वीकृति के लिए लाया गया जिसमें 20 प्रतिशत कम एसओआर की राशि वाले निविदाकार की दर को तो सर्वसम्मति से पारित कर लिया गया मगर इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की अपील की गई। इसी प्रस्ताव के चर्चा के दौरान सदन की कार्रवाई उस वक्त कुछ समय के लिए गरमा गयी जब नेता प्रतिपक्ष ने प्रगतिनगर में हुए तोडफ़ोड़ का मामला उठा दिया और नगर निगम पर लोगों को बेघर करने का आरोप लगा दिया। इसको लेकर महापौर और नेता प्रतिपक्ष में जमकर नोंकझोंक हुई। महापौर ने कहा कि किसी को बेघर नहीं किया गया है बल्कि सभी को सर्वसुविधायुक्त पक्का मकान दिया गया है जबकि नेता प्रतिपक्ष का कहना था कि अगर तोडफ़ोड़ से पहले उन्हें उनका स्थापन किया जाता तो अच्छा रहता। इसको लेकर काफी गहमागहमी भरा माहौल बन पड़ा। इसके बाद बारी आयी सर्किट हाउस रोड पर केलो नदी पर बने पुल से सावित्री जिंदल का नाम और केवड़ाबाड़ी चौक से ढिमरापुर चौक तक की सडक़ से ओपी जिंदल का नामकरण हटाने के प्रस्ताव की..।
भाजपा के सभी पार्षदों ने तो इस प्रस्ताव पर एक स्वर में अपनी सहमति जता दी मगर कांग्रेस ने सावित्री जिंदल का नाम सेतू से हटाये जाने का विरोध किया। कांग्रेस का कहना था कि केवड़ाबाड़ी चौक से ढिमरापुर चौक तक सडक़ के रखरखाव में कंपनी ने लापरवाही की, नियम-शर्तों का पालन नहीं किया जिसके कारण इस सडक़ से ओपी जिंदल का नाम हटाया जाना चाहिये, कांग्रेस भी इसके लिए सहमत है मगर सावित्री जिंदल सेतू के लिए क्या नियम शर्ते लागू की गई थी, पहले सदन को इसकी जानकारी दी जाये, उसके बाद ही उनका नाम हटाया जाना उचित होगा। इस प्रस्ताव को लेकर भी कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच काफी बहस हुई लेकिन आखिरकार कांग्रेस के विरोध के बावजूद इस प्रस्ताव को भी बहुमत के साथ पास कर दिया गया। इसी तरह सदन में लाये गये अंतिम प्रस्ताव पर भी पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंकझोंक देखने को मिली। दरअसल, शहर सरकार ने सामान्य सभा में जीएसटी रिफार्म को लेकर केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय का आभार प्रकट करते हुए एक पत्र प्रेषित करने का प्रस्ताव लाया गया था जिसपर कांग्रेस ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज करायी। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या आज से 9 साल पहले लागू किया गया जीएसटी फार्मूला गलत था या फिर अब उसमें किये गये बदलाव में गलती है।
सदन में समर्पण सेवा समिति द्वारा दिये गये आवेदन कोतरा रोड रामबाग के बगल वाले मार्ग का नामकरण सुदर्शन मार्ग किये जाने की मांग पर भी चर्चा उपरांत स्वीकृति की मुहर लगा दी गई और मार्ग का नाम आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक केएस सुदर्शन के नाम से किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया तो वहीं एफसीआई के पास ऑक्सीजोन कम स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के निर्माण के लिए आमंत्रित की गई निविदा के दर निर्धारण के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई। इससे पहले सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले एक घंटे का समय प्रश्नकाल के लिए दिया गया जहां पार्षदों द्वारा लगाये गये 27 में से 16 प्रश्नों के जवाब सदन में प्रस्तुत किये गये।
नामकरण की शर्तों का उल्लंघन करने का प्रस्ताव बहुमत के साथ पारित
ढिमरापुर रोड व खर्रा घाट में सेतु से जिंदल का हटेगा नामद्व नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में पांच प्रस्तावों पर की गई चर्चा
