पखांजुर। किसानों की स्तिथि बेहतर और मजबूती के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कई योजना शुरू किया है,वही परलकोट क्षेत्र में कुछ धान बीज कंपनी किसानों की स्थिति को कमजोर करने में लगे है,जैसे बयार और वी,एन,आर, बीज कंपनी के धान की बाली में चावल का दाना नही भर रहा,पूरा धान में काला काला बदरी दिखाई दे रहा है,जिससे किसान चितिंत है,इस नुकसान की मुआवजे की मांग को लेकर अनुविभागीय अधिकारी रा. और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के हाथों ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने ज्ञापन सौपा।
आपको बता दे की प्रशांत साहा, तापस बैरागी, हिमेन हालहार, अविजीत साहा,महेश हालहार, सुरूरण मंडल,पंकज मिस्त्री, रतन हालदार, समार साहा, मृत्युंजय बाईन, रंजीत विश्वास,गोपाल साहा, भास्कार सरदार, दिपक दास, रवि गोलदार, विपुल बोस, अजय मंडल, अशोक दास, जयन्त डाकुआ, सुराज पाईन अरविन्दु मेडल,भुषान मंडल जीतेन मंडल, विपुल राय, सहदेव सरकार जहोर सरकार, काल सिखदार प्रदीप साहा, बिप्लब बैरागी, कनाई पाईन विपुल सिकदार, नारायण दास, सपन सरकार बरेन घोष, प्रदिप मंडल,अनिल वैरागी, अनिमेष विश्वास, मनोज शिकद, अजय कर आदि पिडि़त किसानों के साथ आम किसान संगठन पदाधिकारी द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम में धरना दिया और पखांजुर शहर में रैली निकले जिसमे किसानों की धान की बाली में चावल की परिपक्वता के समय से बाली सूख रहे है उसे सुरक्षा की गारंटी करें।जिन धान की किस्मों में यह गंभीर समस्या उत्पन्न हुआं है उस बीज कम्पनी और बीजो के खिलाफ उचित कार्यवाही करें।.धान की बाली सुख जा रहे निम्न कम्पनी की बिजो व्हीएनआर साड 2233 औऱ बयार कंपनी के बोल्ड धान बीज जिन खेतों में लगाया है उन खेतों की फसलें और खेतो की सार्वे किया जाए।उससे किसानों की क्षति का आकलन कर क्षतिग्रस्त किसानों को समुचित मुआवजा दिया जाए। पीडि़त किसानों ने कहां है की फसल उत्पादन में गुणवताहीन धान बीज, खाद और असामाजिक तत्वों द्वारा खाद की आवश्यकता के समय खाद की कमी के बहाने अतिरिक्त किमतों पर खाद बिक्री करते है।और शर्तों के आधार पर खाद बेचने का अघोषित दमनात्मक नियम बना लेते है जिस कारण किसानों को मजबूरी में हजारों,लाखो रुपय खर्च पश्चात भी लहलहाती धान की फसलों में चावल परिपक्व नही होना बाली सुख जाना।धान की पौधा वर्तमान में हरा है। समस्याओं पर हजारों रुपए खर्च कर चुके है।परंतु धान की बाली दिन व दिन सुख जा रहे है।धान में चावल आने के बदले धान बदरा बन जा रहे है। जिससे किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान की आशंका की सदमे से ग्रसित हो रहे है आने वाले दिनो की गुजर वसर दैनन्दिनी आर्थिक नुकसान से चिंतित है।धान उत्पादन की मात्रा सही नहीं होने से पीडि़त किसान बैंक लोन,महाजन,समितियो की कर्ज, व्यपारियो की उधारी चुका नहीं पायेंगे।किसानों के हाथो खेती किसानी के अलवा आर्थिक उपार्जन की अन्य सहारा भी नहीं है। इसलिए हमारे किसानों को जितने फसल की नुकसान हुआ है,उसकी भरपाई सरकार या कंपनी को भरना होगा,नही तो आल इंडिया खेत मजदूर संघटन की ओर से आंदोलन तेज होगा।
व्हीएनआर 2233 और बयार का बोल्ड धान की घटिया किस्म से किसान परेशान
ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने किसानों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर अनुविभागीय अधिकारी पखांजुर को सौंपा ज्ञापन
