रायगढ़। जेपीएल पावर प्लांट तमनार में 18 मई को काम के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ। राजेश्वर धोबा 24 वर्ष, निवासी बिलासखार थाना पूंजीपथरा ऊंचाई से गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी मौत हो गई। मृतक उस समय एसी पाइप लाइन का काम कर रहा था, लेकिन उसे कोई सुरक्षा उपकरण जैसे सेफ्टी बेल्ट उपलब्ध नहीं कराए गए थे।
घटना के गवाहों ने बताया कि सेफ्टी इंचार्ज सुरेन्द्र कुमार पाडी और ठेकेदार प्रेमसागर चौधरी की लापरवाही सीधे तौर पर इस हादसे का कारण बनी। हादसे की रिपोर्ट थाना तमनार में दर्ज कर मर्ग जांच शुरू की गई और दो आरोपियों के खिलाफ धारा 106(1) के तहत एफआईआर पंजीबद्ध की गई। इस हादसे ने स्पष्ट कर दिया कि प्लांट में सुरक्षा व्यवस्थाओं में गंभीर कमियां थीं। मृतक को ऊंचाई पर काम करते समय कोई सेफ्टी बेल्ट या अन्य सुरक्षा उपकरण नहीं प्रदान किए गए, जबकि इसकी जिम्मेदारी सेफ्टी इंचार्ज और ठेकेदार पर थी। गवाहों के अनुसार यह प्रत्यक्ष रूप से हादसे का कारण बनी और यह प्लांट में कर्मचारियों की सुरक्षा पर पर्याप्त ध्यान न देने का संकेत है।
मृतक का शव पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और एसडीएम घरघोड़ा को भी घटना की सूचना दी गई। यह हादसा कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर प्लांट में सुधार की सख्त जरूरत को उजागर करता है।
तमनार जेएसपीएल पावर प्लांट हादसे के मामले में 133 दिन की लंबी विवेचना के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस दौरान गवाहों के बयान लिए गए और घटनास्थल की जांच की गई। विवेचना में यह सामने आया कि हादसे में सेफ्टी प्रोटोकॉल की अनदेखी और कर्मचारियों की सुरक्षा में लापरवाही मुख्य कारण रही। एफआईआर दर्ज होने के साथ ही अब आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। तमनार थाना प्रभारी कमला पुशाम ने मामले में बताया कि हादसे की एफआईआर दर्ज कर मर्ग जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि गवाहों के बयान लिए जा रहे हैं और प्रारंभिक जांच में दो आरोपियों के नाम सामने आए हैं। थाना प्रभारी ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपियों की संख्या बढऩे की संभावना है और जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है। उन्होंने मृतक के परिजनों को आश्वासन दिया कि सभी पहलुओं की न्यायसंगत जांच सुनिश्चित की जाएगी।
जेपीएल पावर प्लांट हादसा : ऊंचाई से गिरने पर मजदूर की मौत
सुरक्षा में गंभीर लापरवाही, एफआईआर दर्ज
