रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के नियमों में हाल ही में हुए संशोधन को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। राज्य मंत्रिमंडल के उपसमिति के निर्णय को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, राज्य सरकार किसानों का धान खरीदने में दिलचस्पी नहीं रखती और नियमों में बदलाव केवल किसानों को परेशान करने के लिए किया गया है। संशोधित नियम किसानों के हितों के खिलाफ है। नई शर्तों के तहत किसानों को समस्या होगी। नवंबर में धान खरीदी शुरू होगी। इससे पहले बस्तर नक्सल जैसे इलाकों में रजिस्ट्रेशन हो पाना मुश्किल है। वहीं, सरकार का दावा है कि नियमों में संशोधन धान की गुणवत्ता और सरकारी खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इससे किसानों के धान का सही मूल्यांकन होगा और खरीदी प्रक्रिया में त्रुटियां कम होंगी। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि यह केवल दिखावा है और वास्तविकता में छोटे किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान खरीदी को लेकर 12 सितंबर को मंत्रालय, महानदी भवन में हुई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में यह भी तय किया गया कि इस बार किसानों का पंजीकरण एग्री स्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इस नई व्यवस्था से किसानों को उनके पैसे समय पर मिलने के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग विभागीय अधिकारी करेंगे। छत्तीसगढ़ में अब धान की तस्करी रोकने के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी।



