रायपुर। रायपुर में शनिवार से गणेश विसर्जन का सिलसिला जारी रहा। महादेव घाट में विसर्जन कुंड में रविवार दोपहर तक 4900 से अधिक छोटी-बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन हो किया गया। रायपुर नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक, दोपहर 1 बजे तक 3770 छोटी और 1133 बड़ी गणेश मूर्तियों का श्रद्धा पूर्वक विसर्जन किया गया।
रायपुर के हर गली मोहल्लों में भक्त धूम धाम से बप्पा को विदाई दे रहे हैं। पूजा-अर्चना और आरती कर गणपति बप्पा से अगले वर्ष जल्दी आने के जयकारे लगाए जा रहे हैं। बता दें रायपुर शहर में हर साल 10 हजार से अधिक छोटी बड़ी प्रतिमाएं विसर्जित की जाती हैं। विसर्जन कुंड में नगर निगम, जिला प्रशासन, पुलिस, यातायात, बिजली विभाग, अग्निशमन, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग समेत कई एजेंसियों के सहयोग से 24 घंटे की ड्यूटी पर है। विसर्जन कुंड में अधिकारियों के अलावा 10 पंडित, 5 क्रेन, 80 गोताखोर और नावों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसी तरह बूढ़ातालाब, तेलीबांधा तालाब, कंकाली तालाब समेत लगभग 3 दर्जन तालाबों में भी अस्थायी विसर्जन कुण्ड बनाए गए। यहां भी बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और श्रद्धालु पहुंचे और इको-फ्रेंडली तरीके से गणेश मूर्तियों का विसर्जन कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से खारून नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए महादेव घाट और अन्य तालाबों के पास अस्थायी विसर्जन कुंड बनाए गए थे. लेकिन स्थिति पूरी तरह उलट रही है। भाठागांव एनिकट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिमाएं लेकर पहुंचे और प्रत्यक्ष रूप से खारून नदी में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। अंधेरे के बीच नदी के किनारे जमा सैकड़ों लोग बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के विसर्जन करते दिखाई दिए। नगर निगम और जिला प्रशासन की लापरवाही साफ झलक रही है। विसर्जन कुंड की व्यवस्था के बावजूद न तो पुलिस-प्रशासन मौजूद रहा और न ही लोगों को रोकने का कोई इंतजाम किया गया। नतीजतन, खारून नदी को प्रदूषण से बचाने का प्रयास धराशायी हो गया।
महादेव घाट विसर्जन कुंड में गणेश जी की 49 सौ प्रतिमाएं विसर्जित
विसर्जन में लगी 10 पंडित-5 क्रेन-80 गोताखोरों की टीम
