रायगढ़. पुलिस कार्यालय में रविवार को फिंगरप्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिसकर्मियों को नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के उपयोग की जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण से अपराधियों की पहचान में काफी मदद मिलेगी, इसी उद्देश्य से यह आयोजन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के मार्गदर्शन में जिले में नेफिस डाटा अपलोडिंग का कार्य प्रदेश स्तर पर संतोषजनक है और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अधिक से अधिक डाटा अपलोड किया जा रहा है। इस दौरान डीएसपी सुशांतो बनर्जी ने बताया कि नेफिस अपराधियों की पहचान करने और आपराधिक मामलों को जल्दी सुलझाने में अहम भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा निर्मित इस सॉफ्टवेयर में थाना स्तर पर संदेही और गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में भरकर अपलोड की जाती है, जिससे पुलिस जांच और विवेचना में काफी मदद मिलती है। साथ ही कार्यशाला में एएसआई संदीप गायकवाड (प्रभारी डीसीआरबी) और आरक्षक प्रभात प्रधान (नेफिस यूजर) ने पुलिसकर्मियों को थाने में संदेही एवं गिरफ्तार आरोपियों से फिंगरप्रिंट लेने की सही तकनीक समझाई और फॉर्म में भरी जाने वाली जरूरी जानकारियों के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण में शामिल पुलिसकर्मियों ने कहा कि इस कार्यशाला से उन्हें व्यावहारिक जानकारी मिली है जो आगे उनकी कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाएगी।
अपराधियों की पहचान में ‘नेफिस’ बनेगा अहम हथियार
फिंगरप्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन
