रायपुर। राज्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग, छत्तीसगढ़ ने एक बड़ी कर चोरी का पर्दाफाश करते हुए महावीर मोल्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अंकित सिंह को गिरफ्तार किया है। विभागीय जांच में सामने आया है कि आरोपी ने 18 बोगस व्यवसायियों से खरीदी दिखाकर वर्ष 2024-25 और 2025-26 में लगभग 19.65 करोड़ रुपये का अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट फ्रॉड किया। यह कार्रवाई जीएसटी विभाग के उस अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत फर्जी पंजीकरण और फर्जी बिलिंग के जरिए हो रही कर चोरी का पता लगाया जा रहा है।
जांच में खुलासा- बोगस व्यवसायियों से फर्जी खरीदी
जांच में पाया गया कि अंकित सिंह ने 18 फर्जी कारोबारियों से सामान खरीदे जाने का दिखावा किया। इन व्यवसायियों का वास्तविक रूप से कोई अस्तित्व नहीं था, बल्कि केवल कागजों पर लेन-देन दिखाया गया था। इन फर्जी बिलों और चालानों के आधार पर अंकित सिंह ने लगभग 19.65 करोड़ रुपये का अपात्र आईटीसी क्लेम कर लिया। यही नहीं, उसने इस फर्जी आईटीसी को अन्य व्यवसायियों को भी पासऑन कर राजस्व को भारी वित्तीय क्षति पहुंचाई। जांच में यह भी सामने आया है कि अंकित सिंह न केवल महावीर मोल्ड्स इंडिया प्रा. लि. का डायरेक्टर था, बल्कि वह जय बजरंग लोहा प्रा. लि. और श्री पशुपतिनाथ लोहा एंड स्टील ट्रेडर्स प्रा. लि. का भी संचालन और प्रबंधन करता था।
इन फर्मों के कर दायित्व को समायोजित करने के लिए भी उसने फर्जी आईटीसी का उपयोग किया। यानी, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए वह विभिन्न कंपनियों के टैक्स लाइबिलिटी को कम करने और वास्तविक टैक्स भुगतान से बचने का प्रयास कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी अंकित सिंह को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) रायपुर की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। जीएसटी विभाग ने साफ किया है कि मामले में विस्तृत जांच जारी है और यह भी देखा जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य कारोबारी या फर्में कौन-कौन हैं।
जीएसटी का सतत अभियान
राज्य जीएसटी विभाग लगातार ऐसी कर चोरी की घटनाओं पर नजर रख रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ कारोबारी बोगस पंजीकरण लेकर, वस्तुओं की वास्तविक सप्लाई किए बिना ही फर्जी बिल बनाकर आईटीसी क्लेम करते हैं। इस तरह के फर्जीवाड़े से सरकारी राजस्व को भारी नुकसान होता है। कर अधिकारियों ने बताया कि 20 अगस्त को हुई कार्रवाई में तीन कारोबारी कंपनियों द्वारा की गई कर चोरी और फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया गया। इन फर्मों के संचालन में अंकित सिंह की सीधी संलिप्तता पाई गई, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी की गई।
धोखाधड़ी के दुष्परिणाम
वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रणाली का उद्देश्य व्यापारियों को राहत देना है, ताकि दोहरी कराधान से बचा जा सके। लेकिन जब व्यापारी फर्जी बिलिंग और बोगस पंजीकरण के जरिए इसका दुरुपयोग करते हैं, तो न केवल सरकारी खजाने को नुकसान होता है, बल्कि ईमानदार करदाताओं पर भी बोझ बढ़ता है। इस तरह के मामलों से बाजार में असमान प्रतिस्पर्धा भी पैदा होती है। फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने वाले व्यापारी कम कीमत पर माल बेच सकते हैं, जिससे ईमानदारी से टैक्स चुकाने वाले व्यवसायियों को घाटा झेलना पड़ता है।
स्टेट जीएसटी की बड़ी कार्रवाई, 19.65 करोड़ का जीएसटी आईटीसी फ्रॉड, डायरेक्टर अंकित सिंह गिरफ्तार
