सारंगढ़। 10 जुलाई गुरुवार को गुरु पूर्णिमा का पवन अवसर पर मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय रानी सागर सारंगढ़ के समस्त छात्र-छात्राओं ने माता सरस्वती एवं अपने गुरु के पूजन कर अपने गुरु से आशीर्वाद प्राप्त किए। कथक की छात्राएं गणेश वंदना एवं गुरु वंदना, आमद, तोडा एवं थाठ कवित्त में जमुना के तट आदि की सुंदर प्रस्तुति की,जिसमें छात्राओं में अदिती सुलतानिया,अलिशु सिदार,पूर्वी भगत,पविनी तिवारी, ऐलेन कुजूर,एम्मा कुजूर,चेष्टा मैत्री,अपेक्षा केशरवानी, आरना केशरवानी,अनुषा केशरवानी, गौरांगी पटवा, कीर्ति केशरवानी,युक्ता गोपाल, लावन्या खूंटे,इन सभी छात्राओं द्वारा सुंदर प्रतुति हुई।
गायन के छात्र अवधेश कुमार तिवारी राग मालकोष में गुरु वंदना लागी लगन गुरु चरण,लम्बोदर दास वैष्णव राग यमन सरस्वती वंदन, नौसागर चौधरी राग दरबारी में जो गुरु कृपा करे रे तीन ताल में, उत्तम बरेठ राग बहार में धरती करें श्रृंगार, कुंज बिहारी राग बिहाग कान्हा जा रे जा रे सांवरिया, जशपाल रत्नाकर राग बागेश्री कहा गए चित चोर,मुकेश सिंह ठाकुर राग भूपाली लाज बचाओ कृष्ण मुरारी, मुकुंद दास मंहत राग वृंदावनी सारंग मे वन वन ढूंढन जाऊं, सुयश तिवारी राग यमन झूलत राधा संग गिरधर, सौम्य देवांगन राग खमाज राम नाम जापले जीव ताल दादरा, केशव साहू एवं किशन बैरागी राग बिलावल में अलंकारों का श्रृंगार,सोनम साहू राग यमन में सितार पर तीन ताल में अलंकारों पर श्रृंगार,इस प्रकार गायन के छात्र छात्राओं द्वारा बहुत ही सुंदर मनमोहक प्रस्तुति दिया।
इस कार्यक्रम में तबला की संगत पर लम्बोदर वैष्णव, नौसागर चौधरी,मुकुंद दास, निर्मल भारती इन छात्रों द्वारा तबल में संगत किया। अंत में मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय रानी सागर सारंगढ़ के प्राचार्य एल.डी वैष्णव द्वारा राग हिंडोल में गुरु वंदना गुरु के चरण परस,तब गुण आए झपताल में निबद्ध एवं तबला का संगत किए एवं सभी छात्र-छात्राओं को आशीर्वचन के साथ (बिना अभ्यासे विषम विद्या) का उदाहरण देते हुए अभ्यास करने का प्रेरणा दिए। तथा शास्त्रीयसंगीत जो विलुप्त होती जा रही है,उसे जागृति करने हेतु सभी बच्चो को प्रोत्साहित किए एवं सभी को उज्ज्वल भविष्य की आशीर्वाद प्रदान किये।
मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गुरु पूर्णिमा
