धरमजयगढ़। जिले के धरमजयगढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम भालूपखना में धनवादा कंपनी को लेकर विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस प्रोजेक्ट में प्रभावित होने वाले निजी भूमि के अलावा भी निजी जमीन पर कंपनी प्रबंधन द्वारा अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है। राजस्व विभाग के सीमांकन रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि इस परियोजना में कुछ किसानों की निजी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। किसानों की निजी भूमि के सीमांकन रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि धनवादा कंपनी प्रबंधन द्वारा भालूपखना गांव के कुछ किसानों की निजी भूमि पर जबरिया कब्जा कर उस पर रास्ता बनाया गया है। यानी कंपनी प्रबंधन द्वारा प्रोजेक्ट में अधिग्रहण के लिए निर्धारित भूमि से अधिक जमीन पर अतिक्रमण कर इस भूमि का उपयोग रास्ते के रूप में किया जा रहा है। पटवारी प्रतिवेदन के अनुसार कंपनी प्रबंधन ने इस भूमि पर अपनी गाडिय़ों की आवाजाही के लिए रास्ता बना लिया है जबकि इस भूमि के उपयोग के एवज में किसानों को कोई अतिरिक्त मुआवजा राशि नहीं दी गई है।
यह पूरा मामला अब फिर से इसलिए सुर्खियों में आ गया है क्योंकि सीमांकन रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित किसान कमल साय ने अपनी जमीन पर घेराबंदी कर ली है। कमल साय द्वारा किए गए इस कवायद से कंपनी प्रबंधन को खासा झटका लगा है।
क्योंकि किसान कमल साय द्वारा अपनी जमीन को घेरने के कारण प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में लगे वाहनों का आवागमन फिलहाल बाधित हो गया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में संबंधित किसान पर समझौता के लिए उच्च स्तर पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक़ धनवादा कंपनी के प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन को लेकर किसी भी तरह की विपरीत स्थिति को हर हाल में मैनेज करने का प्रयास हाई लेवल पर चल रहा है।
क्या है पूरा मामला
जिले के धरमजयगढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम भालूपखना में धनवादा पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी प्रबंधन द्वारा प्रस्तावित लघु जल विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर जमीनी स्तर पर काम कराया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट शुरुआत से ही वन संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन और अन्य कई मामलों को लेकर विवादों में रहा है। हालांकि इस मामले में कार्रवाई को लेकर प्रशासनिक रवैया अब तक ढुलमुल ही रहा है। अब इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। स्थानीय किसानों की मांग पर राजस्व विभाग के द्वारा किए गए सीमांकन रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि धनवादा कंपनी प्रबंधन द्वारा किसानों की निजी भूमि पर रास्ता बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक़ इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए इस भूमि का उपयोग कंपनी प्रबंधन द्वारा किया जा रहा था, लेकिन अब प्रभावित किसान कमल साय द्वारा अपनी जमीन को सुरक्षित रखने की कवायद में घेर लिया गया है। कमल साय ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन पर स्थानीय लोगों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं लगाई है। जानकारी के अनुसार इस मामले में किसानों पर समझौता करने के कथित दबाव के बावजूद स्थानीय ग्रामीण प्रभावित किसानों के पक्ष में हैं। कमल साय ने बताया कि स्थानीय प्रशासन को सूचित करने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है।
धनवादा कंपनी ने निजी भूमि पर बनाया रास्ता
किसान ने की घेराबंदी, सीमांकन के बाद उठाया कदम, समझौता के लिए बनाया जा रहा दबाव!
