रायपुर। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक और पूर्व कांग्रेस नेता अरविंद नेताम ने कहा कि, संघ ही ऐसी संस्था है, जो हमारी मदद कर सकती है। बस्तर में धर्मांतरण को लेकर आदिवासी समाज और संघ दोनों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह बयान गुरुवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रशिक्षण शिविर में दिया है। अब इस बयान पर सियासत भी शुरू हो गई। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, आरएसएस आदिवासियों की शुभचिंतक नहीं हो सकती। अरविंद नेताम हमेशा आदिवासियों से बात करते थे। लेकिन क्रस्स् के संपर्क में आने के बाद उनकी बोली और भाषा बदल गई है। इस पर मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार करते हुए कहा कि, बैज ने 5 साल बस्तर में चर्च खुलवाने में लगा दिए।
अरविंद नेताम ने अपने भाषण में क्या-क्या कहा ?
अरविंद नेताम ने क्रस्स् के कार्यक्रम में कहा कि, सबसे बड़ी समस्या जो मैं महसूस कर रहा हूं वह धर्मांतरण है। इस समस्या को लेकर किसी भी राज्य सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया है। एक सरकार पावर में आती है, तो दूसरे सरकार को दोष देती है। एक-दूसरे को दोष देने का काम इस देश में चलता है। कोई ठोस काम इसे लेकर नहीं होता है। मैंने सोचा इस काम के लिए संघ ही ऐसी संस्था है, जो हमको मदद कर सकती है और रास्ता दिखा सकती है। यह बड़ी समस्या है और संघ इस दिशा में बहुत पहले से कम कर रहा है। इस विषय की गंभीरता को देखते हुए संघ से मेरा अनुरोध है कि, वे इस दिशा में काम की रफ्तार को तेज करें। मैं चाहता हूं कि संघ धर्मांतरण के बारे में बहुत गंभीरता से समझे। मैं बस्तर से आता हूं। नक्सलवाद और धर्मांतरण से हम जूझ रहे हैं। यह दोनों समस्या की आज स्थिति विकट है। मैं चाहता हूं कि इसमें आदिवासी समाज और संघ दोनों को मिलकर कुछ ना कुछ करना चाहिए।
बैज ने पांच साल बस्तर में चर्च खुलवाने में लगा दिए- केदार कश्यप
छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के बयान पर मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार करते हुए कहा कि, बैज ने पांच साल बस्तर में चर्च खुलवाने में लगा दिए। उन्होंने कहा कि जब कार्रवाई करनी थी, उस समय मुंह में लड्डू डालकर बैठे थे। कांग्रेस अवैध धर्मांतरण करने वालों के साथ खड़ी रहती थी। संघ राष्ट्रीय भावनाओं को लेकर काम करती है। सामाजिक रूप से सभी चाहते हैं कि अवैध धर्मांतरण रुकना चाहिए। अरविंद नेताम के बातों में दम और गहराई है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम सर्व-आदिवासी समाज के संरक्षक हैं। वे 4 बार के सांसद सांसद रह चुके हैं। इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव सरकार में वे मंत्री रहे हैं। 1996 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी और फिर 1998 में कांग्रेस में लौट आए थे। 2012 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आदिवासी नेता पीएम संगमा का समर्थन किया तो उन्हें फिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। 2018 में नेताम ने दोबारा कांग्रेस प्रवेश किया था। नेताम बसपा, भाजपा और राकांपा के साथ अपनी राजनीतिक पारियां खेल चुके हैं। 2023 विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने ‘हमर राज पार्टी’ बनाई पार्टी बनाई नेताम पार्टी के प्रमुख है।
जल जंगल जमीन की बात रखनी थी
दीपक बैज ने कहा कि, अरविन्द आरएसएस के कैंप में जाते हैं, तो उन्हें आदिवासियों और जल जंगल जमीन की बात रखनी थी। जिस तरह से राज्य के खनिज संसाधन को उद्योगपतियों के इशारे सरकार पर बेच रही है। इस विषय पर बात रखनी चाहिए थी। हमारी सरकार के दौरान हमने जो आरक्षण बिल पारित किया था, नो राजभवन में पेंडिंग है उस पर बात करनी चाहिए थी। अगर आप बस्तर के हित की बात करेंगे तो निश्चित रूप से हमारा आपको समर्थन है। लेकिन नेताम का वहां जाने के बाद आरएसएस की भाषा बोलना, बस्तर और आदिवासियों के हित में नहीं है।
आरसीसी आदिवासियों के शुभचिंतक नहीं हो सकती- बैज
अरविंद नेताम के बयान पर पीसीसी अध्यक्ष बैज ने कहा कि, अरविंद नेताम हमेशा आदिवासियों से बात करते थे। लेकिन क्रस्स् के संपर्क में आने के बाद उनकी बोली और भाषा बदल गई है। आरएसएस कभी आदिवासियों की शुभचिंतक नहीं हो सकती है। धर्मांतरण रोकना तो यह सरकार का काम है। इसे रोकने के लिए वहां के आदिवासी समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। आरएसएस कभी भी आदिवासियों के पक्ष में नहीं रहा है। आरएसएस और आदिवासियों की विचारधारा में जमीन आसमान का अंतर रहा है। आरएसएस आदिवासियों के आरक्षण की समाप्ति की बात कहती रही है। इसका मतलब है अरविंद नेताम बस्तर में आरएसएस को आने का निमंत्रण देने गए थे। बस्तर की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी।
धर्मांतरण-नक्सलवाद बड़ी समस्या : अरविंद नेताम
संघ-आदिवासी समाज मिलकर काम करे, बैज बोले- यह आरएसएस की भाषा, बीजेपी ने कहा- कांग्रेस ने 5 साल चर्च खुलवाए
