रायगढ़। आखिर क्यों नहीं हो रही है बेनीकुंज कालोनी के सार्वजनिक सेप्टिक टैंक की सफाई? ये सवाल इस कालोनी के रहवासी और कालोनी के आस पास के मोहल्लों के लोगों के मन में उठ रहा है जो यहां से उठ रही भयंकर बदबु से परेषान है?
इस संबंध में कालोनी निवासी मुरारी गुप्ता ने बताया कि विगत दो माह से वे स्वयं लिखित एवं मौखिक रूप से अनेकों बार निगम के अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं। आयुक्त महोदय ने स्पष्ट शब्दों में इंकार करते हुए कह दिया कि इस कार्य के लिए निगम में राषि जमा करना होगा तभी टैंक की सफाई होगी। श्री गुप्ता ने उन्हें बताया कि बड़ा टैंक है कम से कम 30 से 35 ट्रिप करनी होगी। निगम द्वारा एक ट्रिप का 3,500/- रूपया मांगा जा रहा है, चुंकि कालोनी में कोई सोसायटी रजिस्टर्ड नहीं है, मेंटनेंस की राषि से वहां के गार्ड, सफाई कर्मचारी, बिजली बिल जमा करने के बाद इतनी राषि नहीं बचती कि निगम में इतनी बड़ी राषि जमा कराई जा सके। श्री गुप्ता ने आयुक्त महोदय से किसी गंभीर बीमारी फैलने का अंदेषा भी जताया लेकिन वे टस से मस नहीं हुए।
श्री गुप्ता ने आरोप लगाते हुए बताया कि ये वहीं निगम है जिसने अधो संरचना मद से कृष्णा बिहार कालोनी में पूर्व से निर्मित सीमेंट कांक्रीट की उक्दा सडक़ पर 50 लाख का डामरीकरण करा दिया। उन्होंने इस बात पर अत्यंत आष्चर्य प्रगट किया कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेष गोयल, पूनम सोलंकी, महापौर जीवर्धन चौहान से भी आग्रह किये जाने के बावजुद को सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि बेनीकुंज कालोनी कई साल पहले निगम को हस्तांतरित हो चुकी है, यहां के निवासी प्रापर्टी टैक्स, जलकर तथा सफाई टैक्स जमा भी कर रहे हैं, इसके बावजूद सौतेला व्यवहार समझ से परे है। शायद निगम के अधिकारी बीमारी फैलने का इंतजार करके आपदा में अवसर ढूंढने की ताक में है।
निगम द्वारा बेनी कुंज कालोनी से सौतेला व्यवहार : मुरारी
कभी-भी गंभीर बीमारी फैलने की आषंका
