बिलाईगढ़। जि़ले के अनुविभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ में स्थित क्रेशर संचालकों द्वारा आसपास के ग्रामों से आए दिन चैन माउंटेन मशीनों द्वारा अवैध पत्थर खनन किया जा रहा है। जिसकी जानकारी बिलाईगढ़ मुख्यालय पर बैठे हुए राजस्व अधिकारी से लेकर जि़ला मुख्यालय पर बैठे हुए खनिज अधिकारी और जि़ला कलेक्टर को भी है। बावजूद इसके कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रहा है।
बिलाईगढ़, गोविंदवन, दुम्हानी, बेल्टीकरी, छपोरा, आसपास गांवों के लोगों को क्रेशर से उड़ती हुई धूल से दमा, श्वास लेने में दिक्कत वायु प्रदूषण, रात में चैन माउंटेन मशीनों द्वारा पत्थरों की तोड़ाई से निकलने वाली तेज ध्वनि से आम जनता की नींद गायब हो रही है जिससे बीमारी जैसे अनेक प्रकार के समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम छपोरा में ग्रामीणों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिल पा रहा है जल का श्रोत इस कदर नीचे चला गया है कि – बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। वहीं बात करें कृषि ज़मीनों की तो क्रेशर से उड़ती धूल कृषि जमीनों में धूल का सीधे असर पड़ता है कृषि ज़मीनों में उपज कम होने लगी है। कृषि जमीन बंजर होते जा रहा है।
बिलाईगढ़ में चार क्रेशर उद्योग हैं जिसमें से एक भी क्रेशर संचालकों द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (हृत्रञ्ज) का नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जि़ला प्रशासन की है। अधिकारियों की नजऱ क्षेत्र के गऱीब लोग जो जीविका के लिए किस्तों पर ट्रैक्टर लेकर मकान निर्माण के लिए पत्थर ट्रांसपोर्ट करती है जो महज़ एक दिन में लगभग 300 से 600 रुपए बचा पाता है। उन ट्रैक्टर पर कार्यवाही करते है जिसमें ट्रैक्टर मालिकों द्वारा महीने भर की कमाई चालान भरने में चलीजाती है असली खेल तो क्रेशर संचालकों द्वारा खेला जाता है जो साल में कई करोड़ों रुपए का लेने देन होता है। क्रेशर पर जितने का भंडारण का लीज नहीं उससे लगभग सत्तर गुना ज़्यादा पत्थर का भंडारण किया जाता है। जिससे यह साफ़ प्रतीत होता है कि किसी भी बड़े नामदार पार्टी के नेता या अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है। तभी तो धूल उड़ती क्रेशर धड़ल्ले से चल रहा है। बात यहां तक नहीं रुकती बड़ी बड़ी चैन माउंटेन और ओवर लोड हाइवा ग्राम पहुंच सडक़ पर धड़ल्ले से चलता है। आये दिन हादसा की संभावना बनी रहती है। जिससे आम जन दहशत में जीने के लिए मजबूर है। ग्राम छपोरा के भोले भाले सीधेसाधे ग्रामीण का जमीनों को सस्ते दामों में लगभग सैकड़ों एकड़ कृषि जमीन को खदान के लिए खरीद लिया गया है।
कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के सभी क्रेशर मालिकों के साथ 28 जनवरी को बैठक कर उन्हें आवास एवं पर्यावरण सहित अन्य सभी कानूनों, आदेशों, नियमों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए थे और कहा था कि सुधार कार्य करने के लिए लगभग माह भर का समय दिया था, नगरीय और पंचायत चुनाव सम्पन्न होते ही कलेक्टर ने सभी माइनिंग संबंधी स्थानों का जांच करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। जागरुक पत्रकारों ने जिला मुख्यालय सारंगढ़ के खनिज कार्यालय में खनिज अधिकारी बजरंग सिंह पैकरा से संपर्क करने पर उसने आश्वासन दिया कि सुशासन तिहार के बाद खनिज निरीक्षक भेज कर उचित कार्यवाही किया जाएगा।
क्रेशर के उड़ती धूल से जनता परेशान, सांस लेने में दिक्कत
