सारंगढ़। यह ऐतिहासिक खेलमैदान है, नगर के एक मात्र खेलभांठा मैदान को स्टेडियम के रूप में मूर्तरूप दिया गया है। राजनीतिक, सांस्कृतिक व राष्ट्रीय पर्व के कार्यक्रमो के लिए स्टेज (चबूतरा) भी बनाया गया है तथा बैठने के लिए सीढ़ी नुमा बैठक भी बनाया गया है। चारदिवारी के नाम से मात्र 2 फिट का पत्थर का घेरा किया गया है, घेरा कई जगहों से टूट चुके है, जिसमें से गाडियां आसानी से मैदान मे घूस जाती हैं, तीन गेट बनाया गया है उसमे दरवाजा भी नही है। जिससे दो पहिया व चार पहिया वाहन बेरोकटोक मैदान के अंदर चारों तरफ फर्राटे भरते रहते है। वाहन सीखने का उपयोग इसी मैदान मे किया जाता है।
विदित हो कि – भोर में टहलने (मार्निंग वाक) वालों को भारी प्रदूषण का सामना करना पडता है। कोई भी राजनीतिक,सांस्कृतिक या खेल से संबंधित कार्यक्रम होते है उसके बाद आयोजकों के द्वारा मैदान की सफाई बिल्कुल नहीं करवाई जाती, जिससे सारे कचरें पूरे मैदान मे फैले रहते है। पूरा मैदान गंदगी से पट जाता हे। प्राकृतिक हवा से ही मैदान की सफाई हो पाती है। नपा इस पर बिलकुल ध्यान नहीं देती, विगत चार माह पहले मैदान के चारों तरफ लाईट के लिए भारी भरकम तीस पोल खडे किया गया था, मुश्किल से दो माह जलने बाद मात्र 11 पोल के लाईटें जल रही है। जिसमें से 6 पोल को इसलिए निकाल दिया गया है कि – इस मैदान में स्थाई रूप से हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड बनाया जायेगा जबकि – हेली पैड के लिए दूसरा जगह उपलब्ध है। इस एकमात्र खेलभांठा मैदान को सुरक्षित रखने के लिए वर्तमान कलेक्टर साहब को प्रेसवार्ता के दौरान ध्यान आकर्षित किया गया था। संभवत: ध्यान से उतर गया होगा। खेल प्रेमियों व मार्निग वाक वालों ने कलेक्टर महोदय को इस पर ध्यान देने की अपेक्षा की है।
खेलभांठा मैदान की पहचान को बचाएं कलेक्टर साहब
