रायगढ़। संविधान निर्माता भारतरत्न डॉ. बाबा साहब आम्बेडकर जी की जयंती14 अप्रैल से26 अप्रैल तक डॉ भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान चलाया जा रहा है इसी कार्यक्रम के अंतर्गत आज जिला भाजपा कार्यालय में सम्मान अभियान कार्यक्रम आहुत की गई जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में ओपी चौधरी जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत रत्न डॉ बाबा साहब आम्बेडकर सही शब्दों में भारत के ही नहीं विश्व के रत्नों में एक रहे हैं। उनका समग्र जीवन समाज में अन्त्योदय के स्थापना को समर्पित रहा है। सदैव वे समग्र समाज के विकास की चिंता करते थे। इसी वजह से भारतीय संविधान की रचना में उन्होंने अपनी अद्वितीय व अनुकरणीय योगदान दिया। यही कारण है कि उन्हें सदैव संविधान निर्माता के रूप में पूजा जाता रहा है और पूजा जाता रहेगा। उन्होंने करीब 60 अलग-अलग देशों के संविधान का अध्ययन कर हमारे देश का संविधान को मूर्त रूप दिया। जिसमें हर वर्ग के अधिकारों की व्यापक चिंता की गई। यही कारण है कि आज देश में असमानताओं का आभाव दिखता है और हम सब विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करने के दिशा में अग्रसर हैं। बाबा साहब ने हमेशा धारा 370 का विरोध किया। वे एक स्वरूप में राष्ट्र का विकास चाहते थे इसलिए धारा 370 को देश के लिए गैर वाजिब मानते थे। राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए एक समरूपता के साथ काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। कानून मंत्री के तौर पर उन्होंने सदन में देश की समृद्धि के लिए जो भी विषय उठाया उस पर आज भी चर्चा होती है। उन्होंने समान नागरिकता संहिता का समर्थन किया था इसके साथ ही जिस दिशा में लगातार हमारी सरकार बनने के बाद धारा 370 व समान नागरिक संहिता हमारी सरकारों ने महत्वपूर्ण कार्य करके एक तरह से बाबा साहब को हमने विनम्र श्रद्धांजलि दी। बाबा साहब देश के ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अर्थशास्त्र में विदेश जाकर डॉक्ट्रेट की डिग्री ली थी उन्होंने उस समय तर्क दिया था औद्योगिक विकास, कृषि विकास से ही भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इन्होंने संकल्प करते प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी देश की आर्थिक विकास के लिए मजबूत फैसले ले रहे हैं। राष्ट्रीय आर्थिक विकास, सामाजिक विकास के साथ ही शिक्षा, सार्वजनिक स्वच्छता, सामुदायिक स्वास्थ्य, आवास जैसे बुनियादी सुविधा के रूप में समाज के बीच ले जाने का उन्होंने सुझाव दिया था। बाबा साहब के जीवन में उनके तीन गुरु थे, प्रथम गुरु गौतम बुद्ध, द्वितीय संत कबीर, तीसरे गुरु ज्योतिबा फूले थे। आम्बेडकर जी ने हमेशा समाज में लेखन और पत्रकारिता के माध्यम से सार्थक सिद्धांतों को प्रतिपादित किया था। जिसे समग्र रूप से आम्बेडकरवाद के रूप से जाना जाता है। जीवन में सफलता पाने के लिए शिक्षा का महत्व अपार है। ज्ञान शक्ति सबसे महान है। धर्म तो इसे सिखाता है कि कैसे जीना है, लेकिन समाजिक विज्ञान यह सिखाता है कि कैसे धर्म को बनाए रखना है। धर्म एक होने पर समाज पर हो सकता है, नहीं तो नहीं। मैं भारतीय संविधान में अपने देशवासियों के लिए एक शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए बहुत प्रेरित हूं। उत्तम परिणाम उत्तम प्रयासों से होते हैं। जो समाज में अपमानित है, वह वास्तविक देश भक्त नहीं हो सकता।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने अपने उद्बोधन में कहा की आम्बेडकर जी हमेशा अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए पत्रकारिता व साहित्य का साहारा लेते थे। उन्होंने 1920 में मराठी पाक्षिक की शुरूआत की, मूक नायक के नाम से ऐसा लगता है वह मौन रहकर समाज की विसंगतियों पर कुछ न कुछ बोलना चाहते थे। उन्होंने 1924 को बहिष्कृत भारत के नाम से अपना दूसरा पाक्षिक अखबार शुरू किया था। जिसके माध्यम से छुआछूत के खिलाफ उन्होंने जन आन्दोलन की शुरुआत की थी। आम्बेडकर जी सदैव समाज जीवन में मानव कल्याण के उत्थान के लिए अपना समूचा समग्र समर्पित कर दिया था। ऐसे महामानव को कांग्रेस ने हमेशा अपमानित किया और जब1951 में हिन्दू कोर्ट बिल के मसौदे को रोके जाने पर व्यथित होकर आम्बेडकर जी ने नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इस बिल में भारतीय महिलाओं को कई अधिकार प्रदत्त करने की बात कही गई थी यह बिल लागू होने पर समाज में महिलाओं व समानता पर सार्थक चर्चा होती और आज की परिस्थितियों में देखा जाय तो महिला सशक्तिकरण के दिशा में कितना बड़ा कदम होता। लेकिन कांग्रेस हमेशा अपने हितों की रक्षा करने में जुटी रही है इस कारण उनका अपमान हुआ है। 1990 में उनके कृतित्व और योगदान को पुण्य स्मरण करते हुए उन्हें भारत रत्न के गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
जिसे लेकर भी काफी विलम्ब हुआ था। आम्बेडकर जी की 125वीं जयंती वर्ष को 2015 से संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषण की गई। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से संभव हो पाया। जहां जहां उनकी स्मृतियां जुड़ी हुई है उन स्थानों को प्रेरणादायी स्थल के रूप में स्थापित करने का कार्य केन्द्र की भाजपा सरकार कर रही है। उसके साथ ही उनके जीवन के उद्देश्यों को समाज तक ले जाने की सदैव हमारी जवाबदारी रही है जिसे हम पूर्ण करने में जुटे हैं। बाबा साहब ने हमेशा समाज में समानता के सूत्र वाक्य को स्थापित करने में अपना सर्वत्र न्यौछावर कर दिया। सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास इन्हीं मूल धारणा के साथ हम समाज में उन्नति और प्रगति की परिकल्पनाओं को पूर्ण कर रहे हैं केन्द्र से लेकर प्रदेश की सरकार बाबा साहब के विचारों पर चल रही है। कांग्रेस ने कुनीतियों और अम्बेडकर जी के अपमान को जन मानस के बीच हमें ले जाना होगा। तभी समाज में इस बात पर चर्चा होगी कि कांग्रेस ने डॉ. आम्बेडकर जी का कितना अपमान किया। आज इस अवसर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल,सांसद राधेश्याम राठिया,भाजपा जिलाध्यक्ष अरुणधर दीवान,महापौर जीवर्धन चौहान मंचासिन रहे। आज के कार्यक्रम में मंच का संचालन भाजपा जिला मंत्री रंजू संजय ने किया।
बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों और उनके योगदानों का स्मरण हमारे लिए पूजनीय कार्य : ओपी चौधरी
