रायगढ़। शहर के वार्डों में तेजी से बढ़ रहे डेंगू मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पताल में 32 बेड का आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है, लेकिन जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही उससे एक-दो दिन में ही यह बेड फुल हो सकता है। हालांकि मरीजों की संख्या को देखते हुए विभाग द्वारा और बेड बढ़ाने की बात कही जा रही है।
गौरतलब हो कि विगत अगस्त माह से ही शहर के अलग-अलग वार्डों में डेंगू अपना पांव पसार चुका है, लेकिन विगत कुछ दिनों तक तो इक्का-दुक्का केस निकल कर आ रहे थे, जिससे नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा था, लेकिन सितंबर माह से मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में अगर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो इस माह हर दिन 25 से 30 मरीज सामने आ रहे हैं। जिससे ज्यातर लोग तो निजी अस्पतालों में भर्ती होकर उपचार करा रहे थे, लेकिन मध्यम वर्गीय लोग जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए कलेक्टर के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आनन-फानन में जिला अस्पताल में 32 बेड का आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। जिससे एक ही दिन में करीब 15 मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। साथ ही मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रबंधन पूर्व में संचालित हो रहे पीडियाट्रिक्स वार्ड की साफ-सफाई कर यहां भी करीब 30 बेड तैयार किया गया है, ताकि मरीजों की संख्या बढऩे पर मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा सकेगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में डेंगू आरडी कीट उपलब्ध कराया गया है, ताकी मरीजों को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही डेंगू से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए जिला चिकित्सालय में कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश जारी किया गया है। ताकि गंभीर स्थिति होने पर मरीज के परिजन डाक्टरेां से संपर्क कर सके।
डेंगू जांच के लिए शुल्क किया तय
जिले में बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए विभाग द्वारा जहां जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराया है, तो वहीं प्रायवेट लैबों व अस्पतालों में डेंगू जांच के लिए 200 रुपए तय किया गया है, ताकि मरीजों को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही डेंगू पीडित मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी न हो इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया जा रहा है, जिसमें मरीजों को पर्याप्त मात्रा में पानी, जूस व तरल पदार्थ लेना जरूरी है। इसके साथ ही मरीजों को डाक्टरों के सलाह पर ही भर्ती कराए या घर पर उपचार कराएं, ताकि गंभीर स्थिति का सामना न करना पड़े।
स्टाफ की आ रही समस्या
गौरतलब हो कि डेंगू मरीज बढऩे से जिला अस्पताल में बेड तो तैयार कर दिया गया, लेकिन स्टाफ की कमी होने के कारण अब समस्या खड़ी होने लगी है। वहीं बताया जा रहा है कि फिलहाल अस्पताल के अलग-अलग तीन स्थानों पर डेंगू के लिए वार्ड तैयार किया गया है। जिससे इन तीनों जगहों में स्टाप नर्स व अन्य कर्मचारियों की जरूरत है। जिससे अब हर दिन कम से कम 18 कर्मचारियों की जरूरत है। ऐसे में यहां पहले से ही स्टाफ की कमी थी, लेकिन अब बेड बढ़ जाने से और समस्या खड़ी होने लगी है। ऐसे में काफी समस्या का सामना करना पडेंग़ा।
अस्पताल में स्टाप की कमी तो पहले से है, लेकिन अब डेंगू मरीज बढऩे से समस्या तो हो रही है, लेकिन उसी से फिलहाल काम चलाया जा रहा है। हालांकि इसके लिए सोमवार को पत्राचार किया जाएगा।
डा. आरएन मंडावी, सिविल सर्जन, केजीएच