रायपुर/जशपुर। रविवार को प्रकृति पूजन का महापर्व सरहुल धूमधाम से मनाया गया। शहर के डिपू बगीचा में श्रद्धालुओं ने भगवान महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की इसके साथ ही सभा का भी आयोजन किया गया। धार्मिक सभा में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव ने मिशनरी संस्थाओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा के नाम पर ये संस्थाएं आदिवासियों की पहचान और परंपरा छीन रही हैं। उन्होंने सभी को एकजुट होकर इसे बचाने का आह्वान किया। मंत्री ने आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने को गौरव की बात बताया।
पूर्व राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव ने जंगलों को बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जंगल आदिवासी और जशपुर की पहचान है। साथ ही धर्मांतरण के विरोध में एकजुट होने को कहा। पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि सरहुल पर्व एकजुटता का संदेश देता है। यह त्योहार पूर्वजों की संस्कृति और परंपरा के प्रति समर्पण का अवसर है। कार्यक्रम में सुबह से ही वनवासी कल्याण आश्रम में लोग जमा होने लगे थे। पारंपरिक वेशभूषा में सजे ग्रामीण ढोल-नगाड़ों के साथ शोभायात्रा में शामिल हुए। यात्रा जिला चिकित्सालय, महाराजा चौक और बिरसामुंडा चौक होते हुए डिपू बगीचा पहुंची। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था की कड़ी निगरानी की। जवान शहर के चौराहों पर तैनात थे और यातायात को नियंत्रित करते रहे। जशपुर की विधायक रायमुनि भगत ने कहा कि सरहुल पूजा आदिवासियों की परम्परा और संस्कृति का प्रतिक है। कार्यक्रम को पूर्व विधायक जागेश्वर राम, कृपाशंकर भगत, मनिजर राम ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में छग पर्यटन मंडल के पूर्व अध्यक्ष कृष्ण कुमार राय,भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री रामप्रताप सिंह,जिला पंचायत जशपुर के उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, जनपद पंचायत जशपुर के अध्यक्ष गंगाराम भगत, विजय आदित्य सिंह जूदेव, वनवासी कल्याण आश्रम के योगेश बापट विशेष रूप से उपस्थित थे।
जशपुर में सरहुल महापर्व : केंद्रीय मंत्री का मिशनरियों पर हमला
जुएल उरांव बोले- शिक्षा-चिकित्सा के नाम पर आदिवासियों की परंपरा छीन रही संस्थाएं
