जशपुरनगर। डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) का सही उपयोग कैसे अंधेरे में प्रकाश की किरण बन सकता है, इसका उत्कृष्ट उदाहरण जशपुर जिले ने पुन: प्रस्तुत किया है। 25 अक्टूबर को अंबिकापुर में नगर सेना के प्रशिक्षु सैनिकों की पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ। समारोह के दौरान जब प्रशिक्षु नगर सैनिक गर्व से मस्तक ऊँचा किए, सुसज्जित वर्दी में मंच के सामने से गुजरे, तो वातावरण करतल ध्वनि से गूंज उठा। इस परेड में शामिल 50 छात्राएँ जशपुर जिले के सुदूर वनांचलों एवं ग्रामीण अंचलों से आती हैं। इन सभी ने जशपुर जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ मद से संचालित ‘नव संकल्प शिक्षण संस्थान’ में नि:शुल्क शिक्षा, भोजन, आवास एवं शारीरिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन छात्राओं ने कठिन परिस्थितियों को पीछे छोड़ अपने परिश्रम और दृढ़ निश्चय से न केवल स्वयं का और अपने परिवार का भविष्य उज्जवल बनाया है, बल्कि जिले की अन्य बालिकाओं के लिए भी प्रेरणा की मिसाल बनी हैं।
नगर सैनिक हेमवती, खेमा, रूपा और अमीना जैसी छात्राएं, जिन्होंने कभी विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए नव संकल्प में प्रवेश लिया था, आज आत्मनिर्भर बनकर समाज सेवा के पथ पर अग्रसर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डीएमएफ के माध्यम से संचालित नव संकल्प जैसी पहल को प्रदेश के अन्य जिलों के लिए अनुकरणीय बताया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने कहा कि नव संकल्प संस्थान ने अनेक बालिकाओं के जीवन में आशा और आत्मविश्वास का संचार किया है। हमारा प्रयास है कि जशपुर की हर बालिका को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर अवसर मिलते रहें।
डीएमएफ से साकार हुआ नव संकल्प का सपना
जशपुर की 50 बालिकाएँ बनीं नगर सैनिकए बनीं प्रेरणा की मिसाल



